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    बाबू जी.. खबर मत लगाना, पुलिस डंडे मारती है

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 06 Nov 2017 03:01 AM (IST)

    राजकुमार राजू, पठानकोट : अरे बाबू जी खबर मत लगाना, जब भी खबर लगती है तो पुलिस डंडे मारत

    बाबू जी.. खबर मत लगाना, पुलिस डंडे मारती है

    राजकुमार राजू, पठानकोट : अरे बाबू जी खबर मत लगाना, जब भी खबर लगती है तो पुलिस डंडे मारती है। संडे बाजार लगाने वालों का यह दर्द उस समय छलका जब दैनिक जागरण द्वारा संडे बाजार का दौरा किया जा रहा था। इस दौरान एकाएक एक महिला ने कैमरा देखते ही आवाज लगानी शुरू कर दी। कहा कि बाबू जी प्लीज खबर मत लगाना क्योंकि हमारी परेशानी का हल तो कोई करता नहीं, उल्टा जब भी खबर छपती है तो पुलिस पहुंच जाती है, हमें डंडे मारने। मंगला ने बताया कि जिला प्रशासन के आगे छत के लिए हाथ फैलाते कई साल बीत गए हैं। हर बार की तरह आश्वासन दिए जाते हैं। चुनाव आते हैं, नेता वोट बटोरने चले आते हैं। उस समय कहते थे, हमें संडे बाजार लगाने के लिए बढि़या उपायुक्त जगह मुहैया करवाई जाएगी। पिछले कई सालों से गुजरात निवासी सैकड़ों परिवार पठानकोट में संडे बाजार लगाकर रोजी रोटी कमाने का प्रयास करते है। शेष दिन गली मोहल्लों में फेरी लगाकर पुराना कपड़ा बेचते हैं। उन्होंने दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि जब भी बरसात आती है तो बिना छत वह बरसात में ही रोजी रोटी कमाने को विवश होते हैं। गर्मियों के दिनों में चिलचिल्लाती धूप में कपड़ा बेचना पड़ता है। राजकुमार ने कहा कि नेताओं के आश्वासन सुन सुन कर अब थक चुके हैं। सलारिया चौक के निकट जहां हम अब संडे बाजार लगा रहे है जिला प्रशासन हमें जहां से भी उठाने पहुंच जाता है। इस अवसर पर मुनिया, कमला, सुरेश, महेश इत्यादि ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनकी समस्या का समाधान किया जाए। हमें बार जहां से उठने के लिए परेशान न किया जाए।

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    कोई इधर तो कोई उधर लगाता है संडे बाजार

    देखा जाए तो संडे बाजार में विक्रेताओं की संख्या करीब 100 से अधिक है इसके चलते करीब 45 परिवार सलारिया चौक, करीब 35 परिवार बाल्मीकि चौक तो करीब 25 परिवार मेन बाजार तथा गाड़ी अहाता से शाहपुर रोड पर संडे बाजार लगाकर रोजी रोटी का जुगाड़ करते हैं।

    हमने नहीं बोली डंडों की भाषा : एक्सईएन ट्रस्ट

    नगर सुधार ट्रस्ट के एक्सियन सतपाल ने कहा कि यह बात सही है कि ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जा जमाने वालों को हटाना हमारी ड्यूटी बनती है लेकिन आज तक हमने पुलिस के माध्यम से कभी भी लोगों पर डंडे नहीं बरसाए न ही कभी डंडों जैसी भाषा का प्रयोग किया है जो ट्रस्ट की ड्यूटी बनती है। उस काम को पहल के आधार पर किया जाता है। संडे बाजार के विक्रेताओं को उचित स्थान देना यह सरकार का काम है।

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