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यात्रीगण सायं 5:50 पर पहुंचे स्टेशन, पठानकोट-ज्वालामुखी ट्रेन जाने को तैयार

शहर में सांय कामकाज निपटाकर हिमाचल के लिए जाने वाले सैकड़ों यात्रियों को रेलवे विभाग ने राहत दी है। रेलवे ने हिमाचल प्रदेश के लिए चल रही तीन ट्रेनों की संख्या को बढ़ाकर अब चार कर दिया है। इतना ही नहीं मुसाफिर ट्रेनों से गुलेर की बजाय ज्वालामुखी रोड तक पहुंच सकते हैं। अगले हफ्ते यहां सभी चौदह ट्रेनें जो¨गद्रनगर तक शुरू होने की पूरी उम्मीद है। ट्रेनों को ज्वालामुखी तक भेजने और उनकी संख्या में बढ़ोतरी करने पर यात्रियों ने फिरोजपुर रेल मंडल के उच्चाधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। मंगलवार को सायं 5:50 बजे चलने वाली ट्रेन की पुष्टि पठानकोट रेलवे स्टेशन के आन डयूटी स्टेशन मास्टर ने की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 10:26 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 10:26 PM (IST)
यात्रीगण सायं 5:50 पर पहुंचे स्टेशन, पठानकोट-ज्वालामुखी ट्रेन जाने को तैयार
यात्रीगण सायं 5:50 पर पहुंचे स्टेशन, पठानकोट-ज्वालामुखी ट्रेन जाने को तैयार

जागरण संवाददाता, पठानकोट : शहर में सांय कामकाज निपटाकर हिमाचल के लिए जाने वाले सैकड़ों यात्रियों को रेलवे विभाग ने राहत दी है। रेलवे ने हिमाचल प्रदेश के लिए चल रही तीन ट्रेनों की संख्या को बढ़ाकर अब चार कर दिया है। इतना ही नहीं मुसाफिर ट्रेनों से गुलेर की बजाय ज्वालामुखी रोड तक पहुंच सकते हैं। अगले हफ्ते यहां सभी चौदह ट्रेनें जो¨गद्रनगर तक शुरू होने की पूरी उम्मीद है। ट्रेनों को ज्वालामुखी तक भेजने और उनकी संख्या में बढ़ोतरी करने पर यात्रियों ने फिरोजपुर रेल मंडल के उच्चाधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। मंगलवार को सायं 5:50 बजे चलने वाली ट्रेन की पुष्टि पठानकोट रेलवे स्टेशन के आन डयूटी स्टेशन मास्टर ने की।

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दरअसल, जुलाई माह के अंतिम सप्ताह हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद रेलवे ने सभी ट्रेनों को पूरी तरह से बंद कर दिया था। हालांकि, इस दौरान तीन ट्रेनों को गुलेर तक चलाया, परंतु कुछ दिनों बाद ही दोबारा लैंडस्लाइ¨डग के बाद उक्त सेक्शन पर चलने वाली सभी ट्रेनें बंद कर दी थी। 3 अक्टूबर को रेलवे ने ट्रैक क्लीयर होने के बाद तीन ट्रेनों को पठानकोट से जो¨गद्रनगर की बजाय गुलेर तक चलाया था। अब चौथी ट्रेन मंगलवार को शुरू की गई।

भारी भरकम भाड़े से मिला छुटकारा

पठानकोट से नूरपुर, तलाड़ा, भरमाड़, नगरोटा सूरियां व गुलेर की ओर सफर करने वाले दैनिक यात्री किशन चंद, बिशन चंद, राकेश अंगुराला, ¨रकू भंगोत्रा, यशपाल, विजय कुमार आदि ने बताया कि ट्रेनें न चलने के कारण उन्हें आर्थिक तौर पर नुक्सान उठाना पड़ रहा था क्योंकि ट्रेन और बस के किराए में सात गुणा से अधिक का अंतर है। नूरपुर का ट्रेन में 20 रुपये किराया है जबकि बस का 120 रुपये। ऐसे में ट्रेन न चलने के कारण उन्हें मजबूरी में आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था।

छोटे स्टापेज पर नहीं रूकती थी लांग रुट की बसें

यात्रियों ने कहा कि कई बार लांग रुट की बस मिल जाए तो उन्हें छोटे स्टापेज की बजाय बड़े स्टापेज तक जाना पड़ता है। जबकि, रेलवे के पक्के स्टापेज हैं। यहां वह मर्जी से आसानी से चढ़ व उतर सकते हैं। रेलवे ने बंद पड़ी रेल सेवा शुरू करने के बाद उसमें बढ़ोतरी करके यात्रियों को काफी लाभ पहुंचाया है। यात्रियों ने विभागीय अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि बाकी ट्रेनों को भी जल्द से जल्द बहाल कर सुविधा प्रदान की जाए।

पठानकोट से सांय 5:50 पर अंतिम ट्रेन होगी रवाना

इस संदर्भ में जब सिटी रेलवे स्टेशन की आन डयूटी स्टेशन मास्टर से बात की तो उनका कहना था कि पठानकोट से सुबह 6:45, 10 बजे, दोपहर 1:20 के बाद अब सायं 5:50 बजे ट्रेन हिमाचल के गुलेर की बजाय ज्वालामुखी रोड तक शुरू की है। इसी प्रकार ज्वालामुखी रोड से ट्रेन सुबह 8:20, दोपहर 2:30, सायं 5:20 तथा रात्रि 8:25 बजे पठानकोट पहुंचेगी।


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