शहर को छोड़ अब हाईवे को बेसहारा पशुओं ने बना रहे आशियाना
पठानकोट-अमृतसर-जम्मू नेशनल हाईवे पर घूमते बेसहारा पशु वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं।

जागरण संवाददाता, पठानकोट :
पठानकोट-अमृतसर-जम्मू नेशनल हाईवे पर घूमते बेसहारा पशु वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। यह झुंड कब किसके के लिए परेशानी पैदा कर दे कुछ नहीं कहा जा सकता। प्रशासन हाईवे पर बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है। दैनिक जागरण द्वारा समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद निगम ने अक्टूबर में बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया गया था, जिसके तहत बेसहारा पशुओं को डेयरीवाल स्थित गोशाला में पहुंचाया गया। अभियान के बाद अब शहर में तो स्थिति काफी हद तक बेहतर हो गई थी, लेकिन अब बेसहारा पशुओं ने अब अपना आशियाना हाईवे को बना लिया है।
कहां-कहां ज्यादा दिक्कत
शहर के एपीके रोड पर काठ वाला पुल से लेकर छोटी नहर, सरना से परमानंद-दीनागनर रोड के किनारे कई स्थानों पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। कई बार यह पशु सड़क के बीचो-बीच आ जाते हैं, जो वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं। हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहन चालकों को अचानक से अपने वाहन की स्पीड कम करनी पड़ती है, जिसके बाद पीछे से आ रहे वाहन चालकों को दिक्कतें आती है। इसी प्रकार जम्मू हाईवे पर मलिकपुर, सुंदरचक्क मोड़ तथा सुजानपुर के पुल नंबर 4, 5 व 7 के पास तो बेसहारा पशुओं की भरमार हो रही है। बेसहारा पशु चौक के बीच कई बार ऐसा लगता है जैसे नाकाबंदी करके बैठे हो, पशु पूरी तरह से जमघट बना लेते हैं, जिस कारण वाहन चालकों खास तौर पर दो पहिया वाहन चालकों को ज्यादा दिक्कतें होती हैं।
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फसलों को भी पहुंचा रहे नुकसान
किसान प्यारा सिंह, अजैब सिंह, सौरभ ठाकुर आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि इन दिनों बेसहारा पशुओं से वे बेहद परेशान हैं। उन्होंने बताया कि पशुओं का झुंड रात को अंधेरे में गेहूं की अधिकतर फसल को चट कर जाते हैं। किसान पहले ही कर्जे के बोझ तले दबे हुए है। उस पर उनकी फसलों का नुकसान उनकों और भी परेशान कर रहा है।
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