अब नीले कार्ड नहीं स्मार्ट राशन कार्ड पर मिलेगा राशन
जिले के 84 हजार धारकों को नीले कार्ड पर नहीं बल्कि स्मार्ट राशन कार्ड पर गेहूं मिलेगा।
संस, पठानकोट : जिले के 84 हजार धारकों को नीले कार्ड पर नहीं बल्कि स्मार्ट राशन कार्ड पर गेहूं मिलेगा। एटीएम कार्ड जैसे दिखने वाले इस स्मार्ट राशन कार्ड में एक चिप लगी होगी जिसमें लाभार्थी (उपभोक्ता) की पूरी जानकारी दर्ज होगी। डिपो होल्डर से गेहूं लेने के लिए लाभार्थी इसी कार्ड का उपयोग करेगा। फूड सप्लाई विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार सरकार ने गरीबों की खाद्य समस्या को गंभीरता से लिया है इसलिए इस स्मार्ट राशन कार्ड योजना पर विभागीय स्तर पर ट्रायल चल रहा है। सफल ट्रायल के बाद लाभार्थियों के स्मार्ट राशन कार्ड बनाए जाएंगे। इसके लिए राज्य भर में फिर से सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे के दौरान विभाग की टीम घर-घर जाकर निर्धारित मापदंडों के हिसाब से गरीब लोगों का आंकलन करेगी और उसी के अनुसार संबंधित व्यक्ति का स्मार्ट राशन कार्ड बनाया जाएगा। इस सर्वे में गरीब लोगों का आंकलन ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित पंचायत सचिव, पटवारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की गठित टीम करेगी, वहीं शहरी इलाकों में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पटवारी, नगर निगम कमिश्नर या उनकी तरफ से गठित टीम के सदस्य व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से संबंधित स्टाफ करेगा।
ई-पोस मशीन पर बायोमीट्रिक के जरिए बांटा जा रहा गेहूं
नीले कार्ड (नई कनक-दाल स्कीम) धारकों को मौजूदा समय में डिपो होल्डरों की तरफ से विभाग के इंस्पेक्टरों की मौजूदगी में ई-पोस मशीन पर बायोमेट्रिक प्रोसेस के जरिए गेहूं बांटा जा रहा है। इसमें लाभार्थी का अंगूठा या अन्य कोई उंगली स्कैन की जाती है। उपभोक्ता जब राशन लेने के लिए डिपो पहुंचता है तो उसे मशीन में बायोमेट्रिक लगाने के बाद कोटे के हिसाब से पर्ची निकलती है जिस पर संबंधी लाभार्थी को कितना गेंहू दिया जाना है उसकी पूरी जानकारी होगी है। स्कीम के तहत एक मैंबर को प्रति माह 5 किलोग्राम के हिसाब से गेहूं दी जाती है जो उन्हें साल में दो बार छह-छह महीने बाद बांटी जाती है।
स्मार्ट कार्ड दूसरे जिलों में भी मान्य, ले सकेंगे लाभ
स्मार्ट राशन कार्ड एक जिला या शहर में ही नहीं बल्कि पंजाब के किसी भी जिला में मान्य होगा। इस कार्ड के इस्तेमाल से दूसरे जिलों में भी आसानी से गेहूं मिल जाएगा। इस तरह की व्यवस्था इसलिए की जा रही है कि अगर कोई स्मार्ट राशन कार्ड धारक किसी अन्य जिला या शहर में काम करने जाता है तो वह अपना नाम यहां कटवा कर जा सकता है जिस शहर में जाएगा वहां पर स्मार्ट राशन कार्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा कर गेहूं ले सकता है।
उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार बांटा जाएगा गेहूं
एएफएसओ अजय ने बताया कि इस संबंध में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देशानुसार लाभार्थियों को गेहूं बांटा जाएगा। मौजूदा समय में लाभार्थियों को ई- पोस मशीन पर बायोमीट्रिक के जरिए गेहूं बांटा जा रहा है।

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