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    कैसे सुधरेगा स्वच्छता सर्वेक्षण का रैंक: एमआरएफ तैयार, पर बकाया राशि के चलते पावरकाम नहीं दे रहा बिजली कनेक्शन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 02 Apr 2022 11:56 PM (IST)

    पावरकाम के अधिकारियों की मानें तो बकाया राशि अदा नहीं किए जाने तक निगम को बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जा सकता। बता दें कि स्वच्छता रैंकिग में बीते वर्ष ...और पढ़ें

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    कैसे सुधरेगा स्वच्छता सर्वेक्षण का रैंक: एमआरएफ तैयार, पर बकाया राशि के चलते पावरकाम नहीं दे रहा बिजली कनेक्शन

    जागरण संवाददाता, पठानकोट: स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए नगर निगम ने सरना में एमआरएफ (मल्टी रिक्वरी फैसिलिटी) तो बना दिया परंतु उसे बिजली कनेक्शन नहीं मिल रहा है। ऐसा इसलिए कि नगर निगम की तरफ पावरकाम सरना सब डिवीजन का लाखों रुपये बकाया है। पावरकाम के अधिकारियों की मानें तो बकाया राशि अदा नहीं किए जाने तक निगम को बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जा सकता। बता दें कि स्वच्छता रैंकिग में बीते वर्ष जिले को देश में 106वां रैंक मिला था। निगम अधिकारियों के मुताबिक इस वर्ष एमआरएफ शुरू होने से रैंकिग में सुधार की संभावना है, अगर जल्द बिजली कनेक्शन न मिला तो निगम की रैंकिग में सुधार की गुंजाइश कम हो जाएगी।

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    बता दें कि एमआरएफ शुरू न होने कारण निगम कूड़े की कंपोस्टिग नहीं कर पा रहा है। इस कारण आने वाले दिनों में होने वाली स्वच्छता रैकिग में सुधार करने में दिक्कतें आएंगी। स्वच्छता सर्वेक्षण में अब बहुत कम दिन ही बचे हैं। 2021 में जिले ने हासिल किया था राष्ट्रीय स्तर पर 106वां रैंक हासिल किया

    बता दें 2018 में पठानकोट ने प्रदेश स्तर पर सातवां और राष्ट्रीय स्तर पर 223वां स्थान हासिल किया था। 2019 में स्वच्छता सर्वेक्षण में पठानकोट को पंजाब में 10वां और देशभर के 4042 शहरों में 257वां स्थान मिला। 2019 में पठानकोट ने प्रदेश में 5वां और राष्ट्रीय स्तर पर 171वां स्थान हासिल किया था। 2020 में पठानकोट ने बेहतर प्रदर्शन कर छठा स्थान हासिल किया। 2021 के स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में पठानकोट ने सीधे 151 पायदान चढ़ते हुए 106वां रैंक हासिल किया था। पठानकोट में रोजाना इकट्ठा होता है 62 टन कूड़ा

    दो लाख 47 हजार आबादी वाले पठानकोट निगम में रोजाना 62 टन कूड़ा इकट्ठा होता है। 30 टन गीला और 30 टन सूख कूड़ा होता है, जबकि दो टन सेनेटरी नैपकिन, मिट्टी व सिल्ट से निकलता है। कूड़ा इकट्ठा करने के लिए निगम के 130 रिक्शा, 18 आटो और 15 ट्रालियां लगी हुईं हैं। शहर के दो वार्डों में डोर टू डोर गीला व सूखा कूड़ा उठाया जा रहा है। निगम ने बनाने हैं सात एमआरएफ

    कूड़े के स्थायी समाधान को लेकर निगम द्वारा सात एमआरएफ (मल्टी रिकवरी फैसिलिटी) बनाए जाएंगे, ताकि शहर को साफ बनाया जा सके। निगम द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहला एमआरएफ सरना में बनाया गया है। इसका काम कंप्लीट हो गया है, पर बिजली काकनेक्शन न मिलने के चलते यह अब तक शुरू नहीं हो सका है। इसके अलावा आने वाले महीनों में निगम दौलतपुर डिस्पोजल प्लांट, गौशाला रोड, मलिपकुर, डेयरीवाल, सरना, लमीनी स्लाटर हाउस एरिया में एमआरएफ बनाकर उक्त एरिया के कूड़े का वहीं पर समाधान कर देगा। सूखा कूड़ा सड़क बनाने में किया जाएगा इस्तेमाल: डा. एनके सिंह

    नगर निगम के मेडिकल आफिसर डा. एनके सिंह ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर के कूड़े के समाधान को लेकर सात एमआरएफ बनाए जाएंगे। इसमें से पहला एमआरएफ सरना में बनाया गया है। डा. एनके सिंह ने बताया कि डेयरीवाल में भी बहुत जल्द एक व्हीलिग मशीन लगाई जाएगी। मशीन कूड़े को प्रेस करेगी। फिर उसे तारकोल में इस्तेमाल किया जा सकेगा। बकाया राशि मिलते ही जारी कर देंगे कनेक्शन: एसडीओ

    पावरकाम सरना सब डिवीजन के एसडीओ सुरेश कुमार का कहना है कि निगम की तरफ बकाया राशि खड़ी है। इसके लिए उन्हें लिखा गया है। जैसे ही बकाया राशि आती है तो पावरकाम निगम को एमआरएफ के लिए अप्लाई किया गया कनेक्शन जारी कर देगा।