कठुआ में बादल फटने से पठानकोट में भी तबाही, कई गांवों में बाढ़; नदी-नालों के उफान से सड़कें हुई जलमग्न
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बादल फटने से पठानकोट के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ आ गई। उज्ह नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव जलमग्न हो गए और खेतों में पानी भर गया जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ। कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए।
संवाद सहयोगी, बमियाल। पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के घाटी क्षेत्र में बादल फटने के कारण रविवार सुबह लगभग चार बजे जिला पठानकोट के सीमांत क्षेत्र में पानी का सैलाब आ गया। स्थानीय निवासियों की नींद तब खुली, जब उन्होंने अपने घरों में दरिया के पानी की आहट सुनी।
देखते ही देखते क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में पानी भर गया और नदी-नालों के उफान से अधिकांश सड़कें जलमग्न हो गईं। इस स्थिति ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। सीमा पर कुछ चौकियों में भी दरिया का पानी भर गया। कठुआ जिले से आने वाले उज्ज दरिया का जलस्तर एक लाख 19 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से 19 हजार क्यूसेक ऊपर है। जलालिया दरिया में भी पहाड़ से आए पानी का रुद्र रूप देखने को मिला, जिससे पानी कुछ ही पलों में कई गांवों में घुस गया।
खेतों में फसलें भी पानी में डूबी
बमियाल क्षेत्र के किसानों की फसलें भी पानी में डूब गईं। मंड क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांवों के किसानों की फसलें भी पानी की चपेट में आ गईं। गांव पहाड़ीपुर, माखनपुर, छनी गुजरां, भरमाल जट्टां आदि के किसानों की उपजाऊ भूमि पर दरिया का पानी आने से सैकड़ों एकड़ फसल तेज बहाव की चपेट में आ गई।
पानी की चपेट में आने से गांव मुट्ठी, अनियाल, झड़ोली, मंगवाल, मौड़ी सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने हालात का जायजा लेने के लिए क्षेत्र का दौरा किया और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थिति का निरीक्षण किया।
लोगों ने की सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी
शनिवार रात से जिला पठानकोट और उसके साथ लगते कठुआ जिले में भारी वर्षा हो रही थी। इसी दौरान देर रात कठुआ जिले के घाटी क्षेत्र में बादल फटने की घटना घटित हुई। इसके बाद पहाड़ों से पानी का रुख सैलाब के रूप में उज्ज और जलालिया दरिया में पहुंच गया। कुछ घंटे बाद, सीमांत क्षेत्र के सभी नदी-नाले पानी से भर गए और बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए।
स्थानीय निवासियों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी शुरू कर दी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को देखते हुए दरिया के किनारे रहने वाले लोगों को दरिया से दूर जाने के निर्देश दिए और उन्हें सहायता प्रदान करते हुए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सड़कों पर पानी के तेज बहाव के कारण कई गांवों का आपसी संपर्क भी टूट गया।
सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार: कटारूचक्क
पुलिस नाका मगवाल भी पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गया, जिससे इसकी इमारत क्षतिग्रस्त हो गई। स्थानीय ग्रामीण रंजीत कुमार, रमेश कुमार, सोमा देवी, और कांता देवी ने बताया कि रात को वे अपने घरों में सो रहे थे।
सुबह करीब 4:30 बजे जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो तेज रफ्तार पानी उनके कमरों में प्रवेश करने लगा। बाहर निकलकर देखा तो हर ओर पानी ही पानी था। दरिया का ऐसा रुद्र रूप उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।
स्थिति का जायजा लेने पहुंचे कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दरिया के पानी से हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाई जाएगी और लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
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