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सिटी रेलवे स्टेशन पर तीन साल से पार्किग का ठेका नहीं, आपका वाहन हो सकता है चोरी

अगर आप सिटी रेलवे स्टेशन पर अपना वाहन पार्क कर ट्रेन में सफर करने के लिए जा रहे हैं तो सावधान! पार्क किया गया वाहन यदि चोरी हो गया तो इसकी जिम्मेवारी आपकी ही होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 11:21 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 11:21 PM (IST)
सिटी रेलवे स्टेशन पर तीन साल से पार्किग का ठेका नहीं, आपका वाहन हो सकता है चोरी

जागरण संवाददाता, पठानकोट

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अगर आप सिटी रेलवे स्टेशन पर अपना वाहन पार्क कर ट्रेन में सफर करने के लिए जा रहे हैं तो सावधान! पार्क किया गया वाहन यदि चोरी हो गया तो इसकी जिम्मेवारी आपकी ही होगी। कारण, सिटी रेलवे स्टेशन पर पार्किंग नहीं है। जिन लोगों की थोडी बहुत जान-पहचान है वह तो उनके पास अपने वाहन पार्क कर देते हैं लेकिन, जल्दबाजी में वाहन पार्क करने वाले भगवान के आसरे ही वाहन पार्क करने को मजबूर हैं। बात पिछले चार महीनों की करें तो इस दौरान चार-पांच वाहन चोरी हो चुके हैं जिनकी पुलिस को कंप्लेट भी दर्ज है। लेकिन, आगे लोगों को जबाव मिलता है कि अगर पार्किंग ही नहीं है तो उनके लिए भी वाहन को ढूंढ पाना मुश्किल है। उधर, स्थानीय रेलवे अधिकारियों से बात करें तो उनका कहना है कि पिछले तीन साल से कई बार पार्किंग का ठेका निकाला परंतु कोई ठेकेदार उत्साह ही नहीं दिखाता जिस कारण उन्हें हर बार ठेका कैंसिल करना पड़ता है।

जानकारी के अनुसार पठानकोट सिटी रेलवे स्टेशन के बाहर पार्किंग का ठेका पिछले तीन साल से किसी को नहीं मिल सका है। ऐसा नहीं है कि विभाग ठेका देना नहीं चाहता है। ठेका देने के लिए विभाग ने पिछले 3 साल में 6 बार टेंडर तो जरूर खोला। लेकिन, हर बार ¨सगल बिड (एक ही ठेकेदार का आवेदन) आने के कारण टेंडर प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ सकी। आलम यह है कि पिछले तीन साल से पार्किंग का ठेका किसी के पास न होने के कारण लोग यहां तीन साल से अपनी खुद की ही जिम्मेदारी पर पार्किंग कर रहे हैं। यदि किसी को स्टेशन या कहीं आसपास जाना है तो वह यहां वाहन तो लगा देते हैं लेकिन इसकी जिम्मेदारी न तो विभाग लेता है और न ही कोई और। यदि यहां खड़े वाहनों को कोई शरारती तत्व नुक्सान पहुंचा देता है तो इसकी जिम्मेदारी वाहन खड़ा करने वाले व्यक्ति की अपनी ही होगी। क्योंकि यहां पर्किंग के लिए ठेका किसी को नहीं दिया गया है। यदि पार्किंग का ठेका दिया गया हो तो पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारी वाहन खड़ा करने की पर्ची काटेंगे और पार्किंग फीस लेंगे। पार्किंग फीस लेने के बाद पार्किंग ठेकेदार के का¨रदे की जिम्मेदारी होगी कि वह वाहनों की देखरेख करे।

पार्किंग करने वाले लोग परेशान

मोहल्ला प्रताप नगर लमीनी निवासी प्रभदीप, ढांगू पीर निवासी सोम राज, कृष्ण कालोनी निवासी रमेश कुक, रा¨जद्र नगर निवासी कारोबारी सुशील सैनी, अश्वनी सैनी, भदरोया निवासी अर्जुन भनोट आदि ने बताया कि वह स्टेशन से अमृतसर, जालंधर, कठुआ व जम्मू एरिया में डयूटी पर जाते हें। डयूटी पर जाने से पहले वह अपनी सुविधा अनुसार दोपहिया वाहन के जरिए स्टेशन पर पहुंचने के बाद वाहन पार्क करते थे। लेकिन, पिछले लगभग तीन साल से वह अपने स्तर पर जान-पहचान अथवा भगवान के सहारे वहन पार्क करके चले जाते हैं। डीजल शैड में तैनात एक रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी ने नाम न बताते हुए तथा सैनगढ़ निवासी जितेंद्र ने बताया कि वह अपनी स्कूटी खड़ी करके गए थे परंतु जब वापिस आए तो वह चोरी हो चुकी थी। पुलिस को शिकायत भी दर्ज करवाई लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि रेलवे को अगर कोई ठेकेदार नहीं मिलता तो अधिकारी अपने स्तर पर ही किसी कर्मचारी की डयूटी लगाकर लोगों की समस्या का समाधान करवाएं।

¨सगल बिड पर नहीं दिया जा सकता है ठेका

रेलवे के अनुसार ¨सगल बिड आने पर ठेका अलॉट नहीं किया जा सकता है। ठेका अलॉट तो एक ही कंपनी को होगा लेकिन इसके लिए तीन कंपनियां बिड लगाएं तभी टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ती है। रेलवे के ये अपने नियम हैं जिनके विरूद्ध जाकर ठेके अलॉट नहीं किये जा सकते है। लेकिन यहां हर बार विभाग के पास एक ही बिड आती है। जिसके कारण ठेका अलॉट नहीं हो पाता। हर छह महीने बाद विभाग द्वारा टेंडर लगाया जाता है। टेंडर पर एक ही बिड आती है। जिसके कारण टेंडर वहीं रदद हो जाता है। पिछले 3 साल में यहां 6 बार ऐसा होत चुका है।

स्टेशन पर आने वाले लोग कर चुके हैं कई बार शिकायत

ऐसा नहीं है कि लोगों को आ रही समस्या के बारे रेलवे विभाग को पता नहीं है। रेलवे विभाग पार्किंग ठेका अलॉट न होने के कारण लोगों आ रही समस्याओं से भलीभांति वाकिफ हैं। कई बार लोगों ने रेलवे विभाग को इसकी शिकायत भी दी है। लोगों का कहना है कि कई बार यहां स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों से छोटी-मोटी शरारत कुछ अज्ञात लोग या फिर बच्चे आदि ही कर देते हैं। लेकिन रेलवे से पूछने पर रेलवे इसकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर देता है। स्थानीय निवासी अजय, शुभम, पंकू, बलजीत, अविनाश आदि ने बताया कि यहां पर वाहन खड़ा करना किसी खतरे से खाली नहीं है। यदि पीछे से वाहन चोरी हो जाये तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

उधर, इस संदर्भ में जब पठानकोट रेलवे के चीफ कार्मशियल इंस्पेक्टर रा¨जद्र कुमार से बात की तो उनका कहना था कि 3 साल में 6 बार खोला पार्किंग ठेके का टेंडर निकाला गया लेकिन, ठेकेदार उत्साह नहीं दिखा रहे जिस कारण ठेका अलाट नहीं किया जा सका। पठानकोट के अधीन आते कई स्टेशनों पर पर्किंग का टेंडर निकाला गया है। उम्मीद है कि इसी महीने अथवा अगले महीने पठानकोट सिटी की पार्किंग का ठेका निकाला जाएगा।


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