Punjab News: छह माह पहले कुत्ते ने काटा, रेबीज का इंजेक्शन न लगवाने से मां-बेटी की मौत
पठानकोट में कुत्ते के काटने के छह महीने बाद रेबीज का टीका न लगवाने के कारण 40 वर्षीय पूजा और उनकी 18 वर्षीय बेटी सलोनी की मौत हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कुत्ते, बिल्ली, बंदर या चमगादड़ के काटने पर तुरंत एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है, क्योंकि रेबीज के लक्षण एक दिन से एक साल तक कभी भी दिख सकते हैं। पठानकोट सिविल अस्पताल में यह टीका मुफ्त उपलब्ध है।
पूजा और सलोनी की फाइल फोटो (जागरण संवाददाता)
संवाद सहयोगी,पठानकोट। कुत्ते के काटने के बाद रेबीज का टीका न लगाने पर सुजानपुर के गांव मैरा में 40 वर्षीय पूजा और उसकी बेटी 18 वर्षीय सलोनी की छह माह के बाद मौत हो गई। पूजा के पति बलविंदर सिंह ने बताया कि मां-बेटी को करीब छह माह पहले कुत्ते ने काटा था और उन्होंने रेबीज का टीका नहीं लगाया था।
गंभीर लक्षण दिखने पर सोमवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इसके बाद मरीजों को गुरु नानक मेडिकल कालेज अमृतसर रेफर कर दिया गया। इसके बाद बेटी की अस्पताल से बाहर आते ही मौत हो गई, जबकि मां की जम्मू ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
एसएमओ डॉ. सुनील चंद ने कहा कि जब भी कोई कुत्ता किसी को काटता है तो मरीज को एंटी रेबीज वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल पठानकोट में एंटी रेबीज वैक्सीन मुफ्त लगाई जाती है।
इस संबंध में सीनियर वेटनरी अफसर डॉ. विजय कुमार का कहना है कि जब किसी व्यक्ति को कुत्ता काटता है तो पीड़ित में पहले दिन से लेकर एक वर्ष तक रेबीज के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसलिए सभी को कुत्ते, बिल्ली, बंदर व चमगादड़ के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए।
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