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    भारत की पहली महिला अध्यापक सावित्रीबाई फुले जी के जन्मदिवस का आयोजन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 03 Jan 2021 06:27 PM (IST)

    बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर मिशन जिला पठानकोट संयुक्त कमेटी की मीटिग स्थानीय मोहल्ला गुरु रविदास मंदिर नेहरु नगर में आयोजित हुई। ...और पढ़ें

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    भारत की पहली महिला अध्यापक सावित्रीबाई फुले जी के जन्मदिवस का आयोजन

    जागरण संवाददाता, पठानकोट :

    बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर मिशन जिला पठानकोट संयुक्त कमेटी की मीटिग स्थानीय मोहल्ला गुरु रविदास मंदिर नेहरु नगर में आयोजित हुई। तरसेम चंद की अध्यक्षता में आयोजित मीटिग में आधुनिक भारत की पहली महिला अध्यापक सावित्रीबाई फुले का जन्म दिवस आयोजित किया गया। वक्ताओं ने संबोधित करते कहा कि महात्मा ज्योति राव फुले ने विद्या के महत्व को समझते हुए अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को टीचर ट्रेनिग करवा कर 1 जनवरी 1848 को पुणे में लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला तथा सावित्रीबाई को उसमें अध्यापक नियुक्त किया। कहा कि 15 मई 1848 को पुणे में ही दलित पिछड़े बच्चों के लिए दूसरा स्कूल शुरू करवा दिया। अनेक रुकावटों के बावजूद 1848 से 1852 तक फुले दंपति ने पुणे तथा आसपास की बस्तियों में लगभग 20 स्कूल खोलकर विद्या का प्रकाश घरों तक पहुंचाना शुरू कर दिया। जो कि उस समय आसान कार्य नहीं था। बाल विवाह, सती प्रथा तथा पर्दा प्रथा के विरोध में भी उन्होंने आवाज बुलंद की। विधवा पुनर्विवाह तथा नशाबंदी संबंधी भी उन्होंने जोरदार संघर्ष किया। विपरीत हालातों में भी विद्या की ज्योति जलाने वाली सावित्रीबाई फुले तथा विद्या के जन्मदाता सामाजिक क्रांति के जनक उनके पति महात्मा ज्योति राव फूले को याद करते हुए माननीय मुख्यमंत्री पंजाब को उपायुक्त पठानकोट द्वारा ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भेजकर प्रार्थना की गई है कि सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस 3 जनवरी को महिला अध्यापक दिवस के तौर पर मान्यता दी जाए।। पंजाब सरकार द्वारा 2016 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 150वीं जयंती के मौके पर पंजाब के प्रत्येक जिला हेडक्वार्टर पर अंबेडकर भवन के निर्माण तथा अंबेडकर प्रतिमा स्थापित करने के लिए फंड जारी किए गए थे। पठानकोट जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। लेकिन, अंबेडकर भवन के निर्माण का कार्य अभी लटका हुआ है। भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्र की जनता को राहत देने के लिए सब तहसील नरोट जैमल सिंह तथा सब तहसील बमियाल को जोड़कर सब डिवी•ान नरोट जैमल सिंह बनाई जाए। इस तरह सीमावर्ती लोगों के तहसील स्तर के कामकाज स्थानीय स्तर पर ही निपटने के कारण आम लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी तथा लंबे सफर एवं समय की बचत भी होगी। जनसाधारण की सुविधा के लिए पठानकोट चंडीगढ़ रोजाना सीधी रेल सेवा शुरू की जाए। यह रेलगाड़ी सुबह पठानकोट से चलकर दफ्तर खुलने के समय चंडीगढ़ पहुंच जाए तथा शाम को चंडीगढ़ से वापस 10:00 बजे तक पठानकोट पहुंच सके। सीधी रेल सेवा की सुविधा से आम जनता के समय तथा पैसे की बचत होगी रेल द्वारा राजधानी पंजाब से भी संपर्क स्थापित किया जा सकेगा। मौके पर मनोहर लाल, वीरेंद्र पाल सिंह, दर्शन कुमार, शिवदयाल, पृथवी राज, सतपाल, अमरनाथ, अनीता कुमारी, राकेश कुमार, राज रानी, सरमो देवी,त्रिपता देवी, जीवन देवी, दर्शना देवी, कृष्णा देवी आदि मौजूद थे।

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