नवांशहर में अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए PC-PNDT कानून की सख्ती का ऐलान
फोटो नं. 5- पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धाराओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए- नवांशहर में पांच निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों की औचक जांच कीजागरण संवाददाता, नवांशहर: जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. हरीश कृपाल ने मंगलवार को नवांशहर के पांच निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों की औचक जांच की। इस अवसर पर उन्होंने अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों के रिकार्ड की भी जांच की। इस अवसर पर कार्यकारी पीएनडीटी समन्वयक हरनेक सिंह भी उनके साथ उपस्थित थे। इस अवसर पर जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. हरीश कृपाल ने कहा कि पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का मुख्य उद्देश्य प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगाकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। उन्होंने निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों के प्रतिनिधियों को पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धाराओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या की बुराई को रोकने के लिए जिले में पीसीपीएनडीटी अधिनियम का सख्ती से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य भ्रूण लिंग परीक्षण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है।जिला परिवार कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिले में जो भी व्यक्ति पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है, उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान लिंग परीक्षण करना और करवाना दोनों ही अपराध है। इस अपराध में शामिल डाक्टर से लेकर परीक्षण करने वाले और करवाने वाले तक, सभी को समान रूप से दोषी माना जाता है और अपराध सिद्ध होने पर कम से कम तीन वर्ष का कारावास हो सकता है। डा. कृपाल ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या मानवता के लिए अभिशाप है और स्वास्थ्य विभाग इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है। उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी सिंह ने कहा कि महिलाओं के बिना मानव समाज का अस्तित्व संभव नहीं है। एक महिला एक सशक्त पक्ष है, क्योंकि वह न केवल परिवार का सफलतापूर्वक संचालन करती है, बल्कि घर की चारदीवारी से बाहर किसी भी पेशे में नई राहें भी प्रशस्त कर सकती है। हमें महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है।

नवांशहर में पांच निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों की औचक जांच की (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, नवांशहर। जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. हरीश कृपाल ने मंगलवार को नवांशहर के पांच निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों की औचक जांच की।
इस अवसर पर उन्होंने अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों के रिकार्ड की भी जांच की। इस अवसर पर कार्यकारी पीएनडीटी समन्वयक हरनेक सिंह भी उनके साथ उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. हरीश कृपाल ने कहा कि पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का मुख्य उद्देश्य प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगाकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है।
उन्होंने निजी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्रों के प्रतिनिधियों को पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धाराओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भ्रूण हत्या की बुराई को रोकने के लिए जिले में पीसीपीएनडीटी अधिनियम का सख्ती से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य भ्रूण लिंग परीक्षण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है।
जिला परिवार कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिले में जो भी व्यक्ति पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है, उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान लिंग परीक्षण करना और करवाना दोनों ही अपराध है। इस अपराध में शामिल डाक्टर से लेकर परीक्षण करने वाले और करवाने वाले तक, सभी को समान रूप से दोषी माना जाता है और अपराध सिद्ध होने पर कम से कम तीन वर्ष का कारावास हो सकता है।
डॉ. कृपाल ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या मानवता के लिए अभिशाप है और स्वास्थ्य विभाग इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है।
उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी सिंह ने कहा कि महिलाओं के बिना मानव समाज का अस्तित्व संभव नहीं है।
एक महिला एक सशक्त पक्ष है, क्योंकि वह न केवल परिवार का सफलतापूर्वक संचालन करती है, बल्कि घर की चारदीवारी से बाहर किसी भी पेशे में नई राहें भी प्रशस्त कर सकती है। हमें महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है।

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