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    'बच्चे के हत्यारों को सजा दिलाने की बजाय समुदायों में फूट डाल रहे लोग', होशियारपुर हत्याकांड पर बोले करण सिंह राणा

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 04:05 PM (IST)

    करण सिंह राणा ने कहा कि होशियारपुर में बच्चे के हत्यारों को सजा दिलाने की बजाय राज्यों के लोगों में फूट डालना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी समुदाय को जिम्मेदार ठहराना गलत है। किसान-मजदूर एकता से कार्पोरेट गठजोड़ नाखुश है क्योंकि भाईचारे ने किसान आंदोलन में जीत दिलाई। बाढ़ में भी भाईचारे ने मदद की। राणा ने सरकार से राहत दिलाने और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।

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    प्रवासी मजदूरों के पूरे समुदाय के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण: करण सिंह राणा (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, काठगढ़। होशियारपुर में पिछले दिनों एक बच्चे के हत्यारों को कड़ी सजा देने की माग करने के बजाय, दूसरे राज्यों से आए लोगों में फूट डालने का यह एजेंडा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण साबित हो रहा है। यह बात भाई लालो लोक मंच पंजाब से संबधित सांझा किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव साथी करण सिंह राणा ने बलाचौर मनरेगा मजदूर नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त की।

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    उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्तियों की गलतियों के लिए किसी पूरे समुदाय को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। अपराधी हर धर्म, जाति और समुदाय में पाए जाते हैं। लेकिन अपराधियों द्वारा किए गए अपराध के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। मांग यह होनी चाहिए कि हर अपराधी को कानून के अनुसार कड़ी सजा मिले।

    उन्होंने कहा कि वास्तव में, कॉर्पोरेट और सत्ता का गठजोड़ किसानों और मजदूरों की एकजुटता से नाखुश नजर आ रहा है। क्योंकि यही भाईचारा ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत का प्रमुख कारण था और सरकार को तीन काले कानून वापस लेने पड़े थे। इसी तरह, लैंड पूलिंग योजना को रद्द करवाने में पंजाबियों के भाईचारे ने प्रमुख भूमिका निभाई।

    इसी तरह, पंजाब में बाढ़ से हुई तबाही में पंजाब और देश के लोगों के भाईचारे ने ही मुख्य राहत प्रदान की है। यह भाईचारा कार्पोरेट और सत्ता गठजोड़ के हर शोषण के खिलाफ लड़ता है और जीतता है। कार्पोरेट और सत्ता गठजोड़ लगातार साजिशों के जरिए गांवों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।

    यह गठजोड़ भाईचारे को तोड़ने के लिए नफरत के हथियार का इस्तेमाल करता है और कुछ लोगों को गुमराह करके नफरत का एजेंडा चलाने की कोशिश करता है, जिसे पंजाबी हर हाल में नाकाम करते हैं। आज जरूरत इस बात की है कि विनाशकारी बाढ़ से पीड़ित पंजाबियों को सरकारों से राहत दिलाने के लिए तीखे संघर्ष किए जाएं, लेकिन यह कार्पोरेट और सत्ता गठजोड़ नफरत का एजेंडा चलाकर लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहता है।

    उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलाए और इस स्थिति पर खुलकर चर्चा करे। बैठक में सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को भी शामिल किया जाए। ताकि मौजूदा समस्या का समाधान निकाला जा सके।

    आधार कार्ड, पिछले आपराधिक रिकार्ड और निवास का सत्यापन करना पुलिस का काम है। सभी पंचायतों और लोगों को पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी नजर रखनी चाहिए, ताकि पंजाब में अमन-चैन बना रहे।