नवांशहर में प्रवासी-पंजाबी एकता मार्च से सांझेदारी का आह्वान, बच्चे के हत्यारे को सजा और नफरत के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नवांशहर में प्रवासी-पंजाबी एकता मंच ने एकता मार्च निकाला जिसमें पंजाबियों और प्रवासियों की सांझेदारी को मजबूत करने का आह्वान किया गया। विभिन्न यूनियनों ने हिस्सा लिया और एडीसी को ज्ञापन सौंपा जिसमें होशियारपुर में बच्चे के हत्यारे को सजा देने और प्रवासियों के खिलाफ प्रस्तावों पर कार्रवाई की मांग की गई।

जागरण संवाददाता, नवांशहर। प्रवासी-पंजाबी एकता मंच द्वारा नवांशहर में एकता मार्च निकालकर पंजाबियों और दूसरे राज्यों के लोगों की सांझेदारी को और मजबूत करने का आह्वान किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा, इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन्स (इफ्टू), पेंडू मजदूर यूनियन, प्रवासी मजदूर यूनियन, उसारी मिस्त्री मजदूर यूनियन, रेहड़ी वर्कर यूनियन, जुगाड़ू रेहड़ा वर्कर यूनियन और भट्ठा वर्कर यूनियन ने इस मार्च में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
मार्च निकालकर एडीसी को ज्ञापन देकर होशियारपुर में बच्चे हरवीर सिंह के हत्यारे को कानून के मुताबिक सख्त सजा देने, दूसरे राज्य के लोगों के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाली पंचायतों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने, दूसरे राज्य के लोगों के जान-माल की सुरक्षा करने और प्रशासन द्वारा जिले की धार्मिक व सामाजिक संगठनों, किसान-मजदूर संगठनों, प्रवासियों की संगठनों की संयुक्त बैठक जल्द करने की मांग की। एक ज्ञापन मुख्यमंत्री पंजाब के नाम प्रशासन को सौंपा गया।
एकता मार्च से पहले नवांशहर के बस अड्डे पर एक विशाल रैली आयोजित की गई, जिसमें 2500 से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। सबसे पहले बच्चे हरवीर सिंह को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
इस रैली को इफ्टू के प्रांतीय अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच, प्रवासी मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष परवीन कुमार निराला, जमहूरी अधिकार सभा के जिला सचिव जसबीर दीप, डा. आंबेडकर एजुकेशनल वेलफेयर ट्रस्ट नवांशहर के अध्यक्ष सतीश कुमार लाल, भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के जिला अध्यक्ष संतोख सिंह, किरती किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुरिंदर सिंह बैंस, प्रांतीय समिति सदस्य भूपिंदर सिंह वड़ैच, जमहूरी किसान सभा के नेता कुलदीप सिंह दौड़का, आल इंडिया किसान सभा के नेता चरणजीत सिंह दौलतपुर, कौमी किसान यूनियन के नेता निर्मल सिंह औजला, उसारी मिस्त्री मजदूर यूनियन के नेता शिव नंदन, कंधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष महा सिंह रौड़ी, पेंडू मजदूर यूनियन के जिला नेता हरी राम रसूलपुरी और ढाडी गुरदीप सिंह उड़ापड़ ने संबोधित किया।
नेताओं ने कुछ ताकतों द्वारा पैदा किए जा रहे पंजाबी बनाम प्रवासी के नैरेटिव की निंदा करते हुए लोगों से नफरत फैलाने वाली ताकतों से सचेत रहने का आह्वान किया। होशियारपुर में हत्या किए गए पांच साल के बच्चे के हत्यारे को सख्त सजा दिए जाने की मांग करते हुए नेताओं ने कहा कि कुछ विरोधी ताकतें पंजाब में नफरत की आग भड़काने में सक्रिय हैं, जिन्होंने प्रवासियों के खिलाफ जहर उगलना अपना मिशन बना लिया है। ऐसा करके वे पंजाब से बाहर रह रहे सिखों और दूसरे पंजाबियों के लिए कांटे बो रहे हैं।
नेताओं ने कहा कि किसी भी अपराधी को किए गए अपराध की सजा जरूर मिलनी चाहिए, लेकिन एक अपराधी द्वारा किए गए अपराध की कीमत किसी पूरे समुदाय को नहीं चुकानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रवास हमेशा कम खुशहाल राज्यों और देशों से ज्यादा विकसित और खुशहाल राज्यों और देशों की ओर होता है।
जैसे पंजाब से लोग प्रवास करके ज्यादा विकसित देशों इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और अन्य देशों की ओर जाते हैं, ठीक उसी तरह बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश, ओडिशा आदि राज्यों से लोग पंजाब की ओर प्रवास करते हैं। प्रवास को किसी की इच्छा के अनुसार नहीं रोका जा सकता, यह पंजाबियों और प्रवासियों की जमीनी हकीकत और जरूरतों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के औद्योगिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र, निर्माण क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों के विकास में प्रवासियों के श्रम का भी बड़ा योगदान है। प्रवासियों के बिना पंजाब की अर्थव्यवस्था लंगड़ा जाएगी। नेताओं ने कहा कि जो ताकतें प्रवासियों पर पंजाबी संस्कृति को बिगाड़ने का आरोप लगा रही हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि पंजाबी भाषा और संस्कृति प्रवासियों की नई पीढ़ी की रूह में समा चुकी है और उनके खून में रच-बस चुकी है।
पंजाब की मिट्टी के मोह में वे पूरी तरह से सराबोर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों द्वारा प्रवासियों के पहचान पत्र लेने और उनकी सत्यापन (वेरिफिकेशन) कराने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका अपना व्यवसाय करने, संपत्ति खरीदने, वोट डालने और आधार कार्ड बनवाने का अधिकार उनका संवैधानिक हक है, जो बरकरार रहना चाहिए।
रैली में प्रवासियों ने अपने आधार कार्ड हाथों में उठाकर दिखाते हुए कहा कि वे अपनी सत्यापन प्रक्रिया कराने के लिए हमेशा तैयार हैं। कुछ अन्य राज्यों से आए लोगों के बच्चियों ने पंजाबी के धार्मिक और देशभक्ति के गीत भी गाए।
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