गर्भावस्था की समस्याओं की सही पहचान कर घटाएं मातृ मौत दर
सिविल सर्जन डा. इंद्रमोहन गुप्ता के दिशा निर्देशों के अंतर्गत जिला परिवार भलाई अफसर डा. राकेश चंद्र की अध्यक्षता में जिला स्तरीय रिव्यू समिति की हुई मीटिग में पिछली तिमाही के दौरान हुई तीन मातृ मौत के मामलों पर चर्चा की गई।

जागरण संवाददता, नवांशहर: सिविल सर्जन डा. इंद्रमोहन गुप्ता के दिशा निर्देशों के अंतर्गत जिला परिवार भलाई अफसर डा. राकेश चंद्र की अध्यक्षता में जिला स्तरीय रिव्यू समिति की हुई मीटिग में पिछली तिमाही के दौरान हुई तीन मातृ मौत के मामलों पर चर्चा की गई। इनमें दो केस सेहत ब्लाक नवांशहर और एक केस सेहत ब्लाक बलाचौर से संबंधित था।
इस मौके जिला परिवार भलाई अफसर डा. राकेश चंद्र ने स्टाफ को सख्त हिदायत की कि मातृ मौत दर को घटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इन मौते के दौरान हुई खामियों को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था की समस्याओं की सही पहचान करके मातृ मौत दर को घटाना संभव है, इसलिए उच्च जोखिम वाली गर्भवती औरतों की पहचान कर उनका पहल के आधार पर इलाज शुरू किया जाए, जिससे प्रसूति के समय किसी भी तरह की कोई समस्या पेश न आए। मीटिग के दौरान डा. राकेश चंद्र ने बताया कि सेहत विभाग के प्रमुख उदेश्यों में से एक मातृ मौत दर को घटाना भी है। इसलिए लोगों को बेहतर जच्चा -बच्चा सेहत सेवाएं मुहैया करवाई जाएं। सेहत विभाग की तरफ से जननी शिशु सुरक्षा प्रोग्राम के तहत हर गर्भवती औरत को गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक सभी सेहत सेवाएं प्रदान की जातीं हैं, जिनमें चेकअप, लैब टेस्ट, स्कैनिग, अस्पताल आना और छोड़ना शामिल है। इसके अलावा सरकारी संस्था में प्रसूति करवाने पर मुफ्त खुराक और दवाइयां सहित जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत वित्तीय मदद भी दी जाती है।
यदि सेहत केंद्र में कोई भी गर्भवती मां को पहली बार चैकअप के दौरान ही हाई रिस्क लगे जैसे कि बीपी बढ़ता हो, खून सात ग्राम से कम आदि तो उस मरीज को तुरंत जिला अस्पताल स्तर पर रैफर किया जाए। उस समय उस मरीज के वारिस को यह भी समझाया जाए कि कैसे मां और बच्चो की जान को खतरा घटाया जा सकता है। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डा. जसदेव सिंह ने कहा कि गर्भवती औरतों का स्पेशलिस्ट डाक्टर के पास से सरकारी अस्पतालों में ही चेकअप करवाया जाए। बैठक में सहायक सिविल सर्जन डा. जसदेव सिंह, जिला समूह शिक्षा और सूचना अफसर जगत राम, जिला प्रोग्राम मैनेजर राम सिंह और जिला निगरानी और मूल्यांकन अधिकारी गुरप्रीत सिंह, डिप्टी समूह शिक्षा और सूचना अफसर तरसेम लाल और ब्लाक एक्स्टेंशन एजुकेटर विकास विर्दी समेत पैरा मेडिकल स्टाफ के नुमाइंदे उपस्थित थे।
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