बाढ़ ने तोड़ी पंजाब के किसानों का कमर, धान का उत्पादन 24% कम, नहीं हुआ खरीद का टारगेट पूरा
पंजाब में इस साल भारी बारिश और बाढ़ के कारण धान की फसल का उत्पादन 24% तक गिर गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मार्किंग बोर्ड खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया। किसान अब गेहूं की फसल से बेहतर उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं। कृषि विभाग के अनुसार, मौसम का फसलों के उत्पादन पर अहम रोल होता है।

ज्यादा बरसातों व बाढ़ के कारण घटा धान का उत्पादन (फोटो: जागरण)
महेंद्र घणघस, नवांशहर। इस साल जिले में धान की फसल का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत कम हो गया। स्वाभाविक है कि किसानों को कराेड़ों रुपयों का आर्थिक नुकसान हुआ है।
ऐसे में अब किसान गेहूं के अच्छे उत्पादन की आस में हैं। उत्पादन कम होने से मार्किंग बोर्ड का खरीद का टारगेट पूरा नहीं हो सका। अब सरकारी खरीद बंद हो चुकी है, इसके बाद प्राइवेट खरीददारों द्वारा कितनी खरीद की जाती है इसका आने वाले दिनों में ही पता लगा पाएगा।
पर एक अनुमान के अनुसार किसानों ने 95 प्रतिशत से अधिक धान को बेच दिया है। कुछ किसानों ने धान की फसल को घरों में स्टोर कर लिया है पर यह मात्रा काफी कम है।
इस वर्ष जिले में 60 हजार हेक्टेयर रकबे में धान की फसल की बोआई हुई थी। कृषि विभाग द्वारा अनुमानित उत्पादन के अनुसार मार्किंग बोर्ड की तरफ से जिले में 3.90 लाख एमटी खरीद का टारगेट रखा था पर सीजन के दौरान मंडियों में गत वर्ष की तुलना में इस साल 83,695 एमटी आवक कम हुई है।
जिसके तहत नवांशहर मंडी के तहत 42,508 एमटी, बंगा में 32,876 एमटी व बलाचौर में 18,311 एमटी धान की आवक गत वर्ष से कम हुई है। कुल मिला कर गत वर्ष से इस बार 24.07 प्रतिशत धान की आवक घटी है।
किसानों का मानना है कि इस बार जिले के कुछ एरिया में बाढ़ की मार पड़ी तो दूसरी तरफ बरसातें अधिक हुई। खासकर जब धान की फसल पक चुकी थी उस समय भी दो बार अधिक बरसातें हुईं जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ा है। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल की बिजाई हो चुकी है और इस बार गेहूं की फसल अच्छी होगी तब जाकर स्थिति में सुधार होगा।
इस बारे में जिला मंडी अधिकारी रूपिंद्र मनहास ने बताया कि हमने धान की खरीद को लेकर टारगेट के अनुसार तैयारी की हुई थी। सभी एजेंसियां खरीद को लेकर तैयार रही पर आवक कम होने के कारण खरीद का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में कम रहा।
कम उत्पादन को लेकर जिला कृषि अधिकारी डा. राकेश शर्मा ने कहा कि फसलों के उत्पादन में मौसम का सबसे अहम रोल रहता है। इस बार बेमौसमी बरसातें होने से धान का उत्पादन कुछ कम रहा।
गेहूं के उत्पादन के बारे में उन्होंने कहा कि अगर मार्च माह में तापमान कंट्रोल में रहा है गेहूं उत्पादन अच्छा होगा। मार्च में अगर पारा 40 डिग्री तक पहुंचता है तो उत्पादन कम हो सकता है। ये सब मौसम पर निरभर करता है कि किस फसल का उत्पादन कम होता है या ज्यादा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।