29 करोड़ की लागत से सतलुज दरिया पर बने पुल में फिर आई दरारें
दोआबा क्षेत्र को मालवा क्षेत्र से जोड़ने वाले सतलुज दरिया पर बने पहले पुल में 16 साल में चौथी बार दरारें आ गई हैं।

रोहित कुमार जैन, राहों : दोआबा क्षेत्र को मालवा क्षेत्र से जोड़ने वाले सतलुज दरिया पर बने पहले पुल में 16 साल में चौथी बार दरारें आ गई हैं। जिला शहीद भगत सिंह नगर को माछीवाड़ा-समराला- खन्ना से जोड़ने वाले इस पुल के चौथी बार क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण रेत, बजरी, तथा मिट्टी से भरे भारी वाहनों (टिप्पर ट्राले आदि) का गुजरना है, वहीं दूसरी और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इसकी देखरेख में कमी को भी मुख्य कारण माना जा रहा है। विभाग द्वारा पुल की ठीक से देखरेख न होने के कारण बारिश के दौरान पुल व सड़क का पानी इकट्ठा होकर एक साइड से बहने के कारण पुल के नीचे की मिट्टी काफी ज्यादा बह जाने से एप्रोच को नुकसान पहुंचा है।
पुल को हुए नुकसान का पता चलते ही जिला प्रशासन की ओर से तुरंत पुल के ऊपर से भारी वाहनों की आवाजाही बंद करवा दी गई और वाहनों को मत्तेवाडा पुल की ओर डायवर्ट कर दिया गया। रविवार से पुल के ऊपर से सिर्फ कारों व दोपहिया वाहनों को चलने की अनुमति दी गई है। ट्रकों सहित भारी वाहनों की एंट्री को पूर्ण तौर पर बंद कर दिया गया है। इस बार पुल की राहों वाली साइड एप्रोच पर दरार आई है, जिसकी जांच के बाद पुल की रिपेयर का काम शुरू करवाया जाएगा। पुलिस थाना राहों के एसएचओ विनोद कुमार ने बताया कि एप्रोच को हुए नुकसान की सूचना उन्होंने पुलिस अधिकारियों व पीडब्लयूडी विभाग के अधिकारियों को दी गई है। इसके बाद पुल पर से भारी ट्रैफिक को तुरंत रोक दिया गया।
2006 में शिरोमणि अकाली दल बादल की सरकार ने करवाया था निर्माण
दोआबा क्षेत्र को मालवा क्षेत्र से जोड़ने वाले सतलुज दरिया पर बने पहले पुल का निर्माण शिरोमणि अकाली दल बादल की सरकार के समय 2006 में 29 करोड़ की लागत से करवाया गया था। राहों-माछीवाड़ा रोड पर बने इस पुल का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग की लुधियाना डिवीजन ने करवाया था। जिसका लोकार्पण सन 2006 में किया गया था, बाद में जिले को हैंडओवर किया था। गौर हो कि पुल का लोकार्पण होने के बाद सेना की ओर से इसे तकनीकी कारणों से असुरक्षित (रिजेक्ट) घोषित किया गया था। लेकिन फिर भी इस पर आवाजाही निरंतर जारी रही। कब कब पहुंची पुल को क्षति
पुल बनने के मात्र 10 साल बाद पहली बार पुल की स्लैब मार्च 2016 में क्षतिग्रस्त हुई।
दूसरी बार अप्रैल 2017 में।
तीसरी बार अगस्त 2019।
चौथी बार अक्तूबर 2021 में क्षतिग्रस्त हुई है।
पहली दूसरी और तीसरी बार (2016, 2017 व 2019) में पुल की 14वीं स्लैब में दरारें आई थीं जबकि 2021 में 11वीं स्लैब को नुकसान पहुंचा था।
व्यापारिक ²ष्टि से भी खास है राहों माछीवाड़ा सतलुज पुल
यह पुल सिर्फ दो जिलों को ही नहीं, बल्कि व्यापारिक ²ष्टि से भी खास है। पुल के बनने से जहां दोआबा और मालवा क्षेत्र के व्यापारियों को फायदा पहुंचा है, वही जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से दिल्ली और राजस्थान की ओर जाने वाले मालवाहक वाहनों को भी बहुत फायदा हो रहा है। इस पुल से गुजरने से ट्रक चालकों का समय तो बचता ही है वही फिल्लौर लुधियाना रोड पर बने टोल प्लाजा पर भारी-भरकम टोल टैक्स से भी छुटकारा मिलता है। इस लिए पुल व्यापारिक ²ष्टि से खास महत्व रखता है।
पुल की रिपेयर का काम शुरू करवा दिया है : पीएस तुली
इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन पीएस तुली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से पुल की रिपेयर का काम शुरू करवा दिया गया है। जल्द ही पुल की रिपेयर का काम करके जल्द ही चालू करवा दिया जाएगा। भारी वाहनों के लिए रूट किया डायवर्ट
पुलिस थाना राहों के एसएचओ विनोद कुमार ने बताया कि होशियारपुर, गढ़शंकर, हिमाचल प्रदेश से आने वाले भारी वाहन जिन्हें माछीवाड़ा, समराला व खन्ना की ओर जाना है, उन सभी भारी वाहनों को सतलुज पुल पर जाने से रोकने के लिए राहों से ही सारा ट्रैफिक सतलुज दरिया पर बने नए मत्तेवाड़ा पुल (बाया गांव भारटा कलां-ताजपुर) की ओर डायवर्ट किया गया है।जहां से मत्तेवाड़ा पुल से वाया रतनगढ़ होते हुए समराला मछीवाड़ा व खन्ना की ओर जा सकेंगे। इसी तरह पुल के दूसरी ओर गांव घुम्माणा से भी ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। माछीवाड़ा, समराला तथा खन्ना की ओर से राहों की तरफ आने वाले सभी हैवी वाहन भी इसी रास्ते से अपने गंतव्य की तरफ जा सकेंगे।
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