काठगढ़ में धूम-धाम से पूरा हुआ छठी मइया का व्रत, सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने खत्म किया उपवास
छठ पूजा, बिहार, यूपी और झारखंड में महत्वपूर्ण है, जो संतान की दीर्घायु के लिए किया जाता है। तीन दिवसीय व्रत का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर हुआ। महिलाओं ने घाटों पर सूर्य देव की पूजा की, संतान प्राप्ति की कामना की और बाद में आभार व्यक्त किया। व्रत का समापन नमक खाकर किया गया, मिठाइयां बांटी गईं और खुशियां मनाई गईं।

काठगढ़ में धूम-धाम से पूरा हुआ छठी मइया का व्रत (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, काठगढ़। छठ पूजा जो कि बिहार, यूपी व झारखंड आदि राज्यों की कठिन व जानी मानी पूजा कहलाती है। इसका व्रत सब व्रतों से कठिन माना गया है, तीन दिन से चलने वाले इस धार्मिक पूजा कार्यक्रम की मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्ति हो गई।
इस व्रत को संतान की दीर्घायु के लिए माताएं रखती हैं। जिसको संतान प्राप्त करना है, वह इस व्रत को रखकर पानी के घाट पर छठ मैया से अपनी गोद को हर-भरा करने की कामना करती है।
जब संतान की प्राप्ति हो जाती है, तो अगल वर्ष वह भी शामिल हो कर मैया का आभार व्यक्त करती हैं। सोमवार शाम को सूर्य अस्त के समय महिलाएं घाट पर पहुंची और अर्घ्य दिया।
मंगलवार सुबह स्नान करके फिर वहीं घाट पर गई, उसी प्रकार सूर्य देव के दर्शन करके अर्घ्य देकर इस व्रत को समाप्त किया। नमक खाया व्रत को खोला गया। जश्न मनाए गए, मिठाइयां, फल बांटे गए।
प्रेम नगर आसरों घाट, रैलमाजरा नहर का घाट, टौंसा नहर के घाट पर मंगलवार को बड़ी संख्या में महिलाएं सजधज कर सूर्य देव के दर्शन करने पहुंची और व्रत तोड़ और आभार व्यक्त किया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।