बंगा में पराली जलाने पर रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों के साथ बैठक कर रहा कृषि विभाग, किसानों को 80% सब्सिडी पर मशीनरी खरीदने की सलाह
जिला प्रशासन और मुख्य कृषि अधिकारी के निर्देशों पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए शुरू की गई मुहिम के तहत खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी बंगा के कार्यालय में विभिन्न गांवों की ग्राम पंचायतों और प्रगतिशील किसानों के साथ बैठक की गई।

कृषि विभाग ने बंगा में पराली जलाने से रोकने के लिए ग्राम पंचायतों और किसानों के साथ बैठक की (प्रतीकात्मक फोटो)
संवाद सूत्र, बंगा। जिला प्रशासन और मुख्य कृषि अधिकारी के निर्देशों पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए शुरू की गई मुहिम के तहत खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी बंगा के कार्यालय में विभिन्न गांवों की ग्राम पंचायतों और प्रगतिशील किसानों के साथ बैठक की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि अधिकारी डॉ. लछमन दास ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायतें 80 प्रतिशत सब्सिडी पर कृषि मशीनरी खरीद सकती हैं और किसानों को उचित दर पर देकर लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत पराली प्रबंधन के लिए कृषि मशीनरी के लिए एक से अधिक मशीनें खरीद सकती हैं।
उन्होंने किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि पराली जलाने से भूमि की उत्पादकता कम होती है और मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने किसानों को विभिन्न मशीनों के प्रयोग की भी जानकारी दी। इस अवसर पर बी.डी.पी.ओ. आदेश कुमार ने ग्राम पंचायतों से गांव में पराली न जलाने के प्रस्ताव पारित करने को कहा और सार्वजनिक घोषणा भी करने को कहा ताकि कोई भी निवासी किसान पराली न जलाए। कृषि विस्तार अधिकारी विक्रम सिंह ने ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्राकृतिक खेती योजना और पीएम किसान निधि योजना के बारे में भी जानकारी दी।
पराली न जलाने वाले किसानों को सम्मानित भी किया गया, जिनमें ओंकार सिंह संधवां, बलजिंदर सिंह कलेरां, चरणजीत सिंह मेहली, नवजोत सिंह जंडियाला, सुरजीत सिंह चक मंडेर, तेजा सिंह मजारी शामिल थे। सरपंच सतपाल सिंह गोबिंदपुर, हरजिंदर कौर चक रामू, दारा सिंह कलेर, सतनाम सिंह मेहली, अवतार सिंह पठलावा, जसवीर सिंह बहरामजारा, सोम दत्त चेता, संदीप कुमार सरहाला रानू आदि मौजूद थे।
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