श्री राम भवन में श्री सुंदरकांड का पाठ करवाया
महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि जी के श्रीराम भवन आगमन की खुशी में वीरवार को सामूहिक श्री सुंदरकांड के पाठ आयोजित किए गए।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि जी के श्रीराम भवन आगमन की खुशी में वीरवार को सामूहिक श्री सुंदरकांड के पाठ आयोजित किए गए। जिसमें बड़ी तादात में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर जहां वीर बजरंग बली की कृपा रुपी आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं गुरु जी का भव्य अभिनंदन करते हुए उनसे आशीर्वाद लिया। गुरु जी के स्वागत को उमड़े श्रद्धालुओं ने पुष्पमाला पहनाकर व पुष्पवर्षा कर उनका भव्य अभिनंदन किया। इस दौरान मंदिर प्रांगण वीर बजरंग बली व सद्गुरु देव महाराज के जयकारों से गूंज उठा। स्वामी कमलानंद जी ने प्रथम दिन प्रवचनों की अमृतवर्षा दौरान श्रीराम चरित मानस के सप्तम सोपान श्री सुंदर कांड की महिमा का विस्तार सहित व्याख्यान किया। स्वामी जी ने कहा कि वीर बजरंग बली जैसा राम भक्त न जगत में हुआ है और न ही होगा। उनकी अपने आराध्य श्रीरामचंद्र के प्रति भक्त जगतप्रसिद्ध हैं। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रभु श्री राम ने उन्हें लक्ष्मण समान अपना भाई बताया। प्रवक्ता रमन जैन ने कहा कि संतों का पावन सानिध्य व वचनामृत व्यक्ति के शरीर के ताप, मन के संताप और जीवन में हुए पापों को दूर करता है। संतों का सानिध्य बड़े ही भाग्य से मिलता है। संतों का समागम भक्तों के लिए तीर्थ के समान होता है। गोस्वामी तुलसी दास जी महाराज ने श्रीरामचरितमानस में लिखा है कि 'बड़े भाग पाईये सत्संगा, बिनहि प्रयास होई भव भंगा।' अर्थात भगवत कृपा और सौभाग्य के बिना सत्संग (संत मिलन) सुलभ नहीं होता। जिसे सत्संग का सुख प्राप्त हो गया, समझो उस मनुष्य को संत मिलन हो गया। प्रवक्ता नरेंद्र गुप्ता व दीपिका दाबड़ा ने शहरवासियों से गुरु जी के आगमन पर शुरू होने जा रहे भव्य कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर शामिल होने की अपील की है। गौरतलब है कि स्वामी जी श्री राम भवन में पांच से 13 जुलाई तक श्रीरामचरित मानस के सप्तम सोपान श्री उत्तरकांड पर सरल, सरस व संजीव व्याख्यान करेंगे। इस मौके बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर गुरु जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त कर पुण्य का लाभ कमाया।
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