मुक्तसर साहिब मंडी में धान की बंपर आवक ने रोकी लिफ्टिंग, मजदूरों की हड़ताल से परेशान हुए ठेकेदार
श्री मुक्तसर साहिब मंडी में धान की आवक बढ़ने से लिफ्टिंग धीमी हो गई है, जिससे किसानों और मजदूरों को परेशानी हो रही है। मजदूरों ने कम वाहनों के कारण काम रोक दिया और ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आढ़तियों ने भी चिंता जताई है, जबकि ट्रांसपोर्टर ने जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

जिला मंडी में धान की लिफ्टिंग कछुआ चाल में (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। जिला मुख्यालय की अनाज मंडी में धान की आवक बढ़ने के साथ ही मार्केट कमेटी की ओर से किए गए प्रबंध हांफने लगे हैं। वहीं एजेंसियों द्वारा खरीद की गई धान की लिफ्टिंग धीमी गति से चलने से मंडी में चारों ओर धान के खुले में और बोरियों में भरे के ढेर लग चुके हैं।
इस कारण मंडी में धान लेकर पहुंच रहे किसानों को फसल रखने के लिए जगह नहीं मिल रही है और मजदूरों को भी काम करने में समस्या आ रही है। किसानों ने भी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
वहीं लिफ्टिंग के लिए लगाए गए वाहनों की संख्या भी मजदूरों द्वारा कम बताई जा रही है। जिस कारण मंडी में ट्रैफिक की समस्या के साथ-साथ बासमती की आवक के लिए भी बड़ी समस्या आ रही है।
लिफ्टिंग की धीमी गति के कारण अनाज मंडी मजदूर यूनियन ने अध्यक्ष सोनू कामली के नेतृत्व में मंगलवार की सुबह मंडी का कामकाज ठप कर ट्रांसपोर्ट ठेकेदार के खिलाफ रोष जाहिर किया और मंडी में ट्रकों और ट्रैक्टर ट्रालियों की संख्या बढ़ाने की मांग की। इस संबंध में उन्होंने कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष इकबाल सिंह वड़िंग के साथ बैठक भी की।
मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सोनू कामली ने कहा कि पिछले कई दिनों से ट्रांसपोर्ट ठेकेदार माल की ढुलाई के लिए मंडी में 10 से 15 गाड़ियां भेज रहा है, जिस कारण मंडी धान की बोरियों का गोदाम बन गई है।
अगर मंडी में धान की लिफ्टिंग की यही स्थिति रही तो किसान अपनी बासमती की फसल कहीं और बेचने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि ठेकेदार कहता है कि उसके पास 60 गाड़ियां हैं, लेकिन हमने उससे कहा कि हमें सिर्फ़ मुक्तसर मंडी में ही 40 गाड़ियां उपलब्ध करवाई जाएं ताकि मंडी में खरीदे गए धान की लिफ्टिंग हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकारी रिकार्ड के अनुसार अब तक मंडी में भारी संख्या में बोरियां धान की पड़ी हैं, जिसके लिए सीधे तौर पर परिवहन ठेकेदार ज़िम्मेदार है।
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष इकबाल सिंह वड़िंग ने कहा कि मंडी से धान की लिफ्टिंग लगभग 56 प्रतिशत हो चुकी है। मंडी से लिफ्टिंग न होने के कारण न केवल मजदूर वर्ग, बल्कि आढ़तियों और किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हम मंडी मजदूर यूनियन के नेताओं से बात कर रहे हैं और मंडी को चलाने के लिए संयुक्त एकता बनाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब छह माह की फसल मंडी में आती है तो ऐसी समस्याओं का आना स्वाभाविक है।
ट्रांसपोर्टर सुखजिंदर सिंह बराड़ ने कहा कि धान का सीजन शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुक्तसर की नई अनाज मंडी से लगभग 65 प्रतिशत धान की लिफ्टिंग हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में दिवाली और विश्वकर्मा दिवस की छुट्टियों के कारण मंडी में माल काफी इकट्ठा हो गया है, जिसको जल्द ही उठा लिया जाएगा। मंडी से जुड़े किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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