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    Punjab Flood: मुक्तसर में ब्यास-सतलुज नदी उफान पर, सरहिंद फीडर नहर में पानी छोड़ने से दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 08:00 PM (IST)

    ब्यास और सतलुज नदी में उफान के कारण सरहिंद फीडर नहर में जलस्तर बढ़ रहा है। सोथा हेडवर्क्स से नहर के तीन गेट खोले गए हैं जिससे पानी चंद भान ड्रेन में छोड़ा गया है। सफाई न होने के कारण ड्रेन के ओवरफ्लो होने से आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

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    सरहिंद फीडर नहर में पानी छोड़ने से दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, मुक्तसर। ब्यास और सतलुज नदी उफान पर है। अब इसका पानी सरहिंद फीडर नहर में भी छोड़ा जा रहा है। जिस कारण नहर में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को सरहिंद फीडर के सोथा हेडवर्क्स से छह में से तीन गेटों को खोल दिया गया और पानी चंद भान ड्रेन में छोड़ा गया है।

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    अगर हरिके से लगातार नहर में पानी छोड़ा गया तो सरहिंद फीडर प्रबंधन की ओर से यह‌ पानी ड्रेन में आगे और छोड़ा जाएगा जिस कारण ड्रेन के ओवरफ्लो होने से आसपास के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

    बता दें कि चंद भान ड्रेन की सफाई नहीं हुई है और बूटी उगी हुई है। जिस कारण बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। उधर, एडीसी गुरप्रीत सिंह थिंद ने बैठक कर संभावित बाढ़ को देखते हुए जरूरी प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।

    उल्लेखनीय है कि बांधों से छोड़े जा रहे पानी और लगातार हो रही वर्षा के कारण सतलुज और ब्यास नदी में जलस्तर उफान पर है। हरिके पत्तन में ब्यास और सतलुज का संगम होता है और यहीं से सरहिंद फीडर नहर निकलती है। अब दोनों नदी का पानी सरहिंद फीडर नहर में डाला जा रहा है जिस कारण इस नहर में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

    सरहिंद फीडर नहर हरिके पत्तन से चल कर मुक्तसर से निकलती है। इसकी गहराई 23 फुट है और चौड़ाई 136 फीट है। पानी का स्तर इस समय ओवरफ्लो होने से लगभग तीन फीट कम है। अगर पीछे से लगातार पानी नहर में छोड़ा गया तो हालात बिगड़ सकते हैं। इससे मुक्तसर जिले के अलावा फरीदकोट और फाजिल्का जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।

    कई दिनों से नहर में बढ़ रहा जलस्तर

    लगातार हो रही वर्षा के कारण पहले ही जलस्तर नहर में कई दिनों से बढ़ रहा है। ऊपर से अब नदियों के पानी से लेवल और बढ़ने लगा है। नहर को खेतों में सिंचाई के लिए ही बनाया गया था। अब अगर नहर ओवरफ्लो होती है तो इसका पानी आगे ड्रेन में और डालना पड़ेगा।

    अगर ड्रेन ओवरफ्लो होती है तो नहर भी ओवरफ्लो होकर आसपास के गांवों में पानी घुस सकता है। जिससे भारी नुक़सान हो सकता है। मुक्तसर में अगर चंद भान ड्रेन ओवरफ्लो हुई तो इससे महाबधर,रुपाणा सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ आ सकती है।

    एडीसी गुरप्रीत सिंह थिंद ने कहा कि संभावित बाढ़ को लेकर अधिकारियों को जरूरी प्रबंध करने के निर्देश दे दिए गए हैं। वैसे अपने जिले में ऐसी कोई बात नहीं है। फिर भी एहतियातन प्रबंध करने को कहा गया है।