तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, रिहाई की मांग
बुद्धिजीवी मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के विरोध में मार्च निकाला

संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)
बुद्धिजीवी, मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ तथा अन्य बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी के खिलाफ रविवार को शहर में किसानों, मजदूरों, बिजली कर्मियों व शिक्षकों ने रोष मार्च निकाला। दानामंडी से शुरू हुआ यह मार्च विभिन्न बाजारों से होता हुआ मंडी पहुंचकर संपन्न हुआ।
मार्च से पहले दाना मंडी में सभा को संबोधित करते हुए लेखक राम स्वर्ण लखेवाली, किसान नेता गुरभगत सिंह भलाईआना व कर्मचारी नेता जरनैल सिंह ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ व अन्य बुद्धिजीवियों और मोहम्मद जुबैर जैसे खोजी पत्रकारों पर निराधार आरोप लगाकर उन्हें जेलों में बंद करना मोदी सरकार की तानाशाही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सामाजिक कार्यकर्ता, किसान, युवा, कर्मचारी और विभिन्न क्षेत्रों के लोग पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हैं।
विरोध रैली को संबोधित करते हुए तरसेम सिंह खुंडे हलाल और जगदीप खुड्डियां ने कहा कि फासीवादी एजेंडे को लागू करने पर तुली हुई भाजपा सरकार राज्य सत्ता का दुरुपयोग कर रही है जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने तीस्ता सीतलवाड़ सहित जेलों में बंद बुद्धिजीवियों की बिना शर्त रिहाई, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लोकतांत्रिक अधिकार की बहाली और तानाशाही के काले साये को भारतीय लोकतंत्र से दूर रखने के लिए लोगों से एकजुट होकर संघर्ष का आहवान किया। किसान नेता गुरपाश सिंह सिघेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा संघर्षशील लोगों और बुद्धिजीवियों को दबाने की है लेकिन यह मंशा कभी पूरी नहीं होगी।
इस मौके राम पाल, अमरजीत पाल शर्मा, भूपिदर सिंह चन्नू, मलकीत सिंह, कुलदीप, गुरतेज, सुखदेव सिंह और कुलबीर सिंह भी उपस्थित थे।
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