PRTC-PUNBUS की लिमिटेड सीट वाली स्कीम से बढ़ी परेशानी, दूसरी बस के लिए करना पड़ रहा घंटों इंतजार; फैसले से होगा रोडवेज को घाटा?
पंजाब के सरकारी बसों में 52 से ज्यादा सवारियां नहीं बैठाई जा रही है। इससे सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। दरअसल परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के ओवरलोडिंग पर चालान काटने के दिए बयान के चलते रोडवेज कर्मचारियों ने 52 सवारियों से ज्यादा सवारियां नहीं बैठाने का फैसला लिया है। इस फैसले से रोडवेज डिपो को लाखों का नुकसान हो सकता है।

राजिंदर पाहड़ा, श्री मुक्तसर साहिब। पीआरटीसी व पनबस के अस्थायी कर्मचारियों की ओर से बसों में 52 सीटों से ज्यादा सवारियां नहीं बैठाने के फैसले से सरकारी बसों में सफर करने वालों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। दरअसल परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के ओवरलोडिंग पर चालान काटने के दिए बयान के चलते रोडवेज कर्मचारियों ने 52 सवारियों से ज्यादा सवारियां नहीं बैठाने का फैसला लिया है।
52 सीटों से ज्यादा नहीं बैठाई गई सवारियां
गुरुवार को दैनिक जागरण टीम ने मुक्तसर के बस स्टैंड का दौरा कर पड़ताल की। इस दौरान देखा कि सरकारी बसों में 52 सीटों से ज्यादा सवारियां नहीं बैठाई गई। जिस कारण सबसे अधिक महिलाओं को परेशान होते देखा गया। बस स्टैंड पर सरकारी बस में फ्री सफर करने वाली महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। महिला रानी ने बताया कि उसने बठिंडा के लिए जाना था लेकिन सरकारी बस में बैठने की जगह नहीं मिलने से उसे अब दूसरी बस का इंतजार करना पड़ेगा।
इसी तरह महिला मुस्कान देवी ने बताया कि उसने अरनीवाला जाना था। सरकारी बस का कंडक्टर कहता है कि बस में सभी सीटें भर चुकी हैं अब बैठने की जगह नहीं है। दूसरी बस में जाएं। दूसरी बस का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। महिला ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों की तरफ ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इनकी हड़ताल या ऐसे फैसलों से यात्रियों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ता है।
रोडवेज डिपो को पड़ेगा लाखों का घाटा
सरकारी बसों के कर्मचारियों की ओर से बसों में 52 सीटों से ज्यादा सवारियां नहीं बैठाने कै फैसले से रोडवेज डिपो को लाखों का नुकसान हो सकता है। क्योंकि आम दिनों में देखा जाता रहा है कि 52 सीटर बस में 70 से अधिक सवारियां बैठाई होती थी लेकिन केवल 52 सवारियां ही बैठाने के फैसले से डिपो के रेवेन्यू में कमी आएगी।
26 जनवरी को मुख्यमंत्री को दिखाई जाएंगी काली झंडियां
रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रदेश नेता गुरप्रीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि केंद्र सरकार ने ड्राइवरों के खिलाफ जो कानून लाया है वह निंदनीय है। वह केंद्र सरकार के कानून के विरोध में हैं। इसी तरह पंजाब सरकार रोडवेज कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा करती आ रही है।
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26 जनवरी को मुख्यमंत्री को काली झंडियां दिखाई जाएंगी। इसके बाद सात फरवरी को मुख्यमंत्री की कोठी का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार कर्मचारियों को स्थायी नहीं कर रही जिस कारण कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष है।उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह संघर्ष जारी रखेंगे और बसों में 52 सीटों पर ही सवारियां बैठाएंगे।
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