किस दिन मनाएं गणेश चतुर्थी, कब करें चंद्रमा का दीदार?; यहां मिलेंगे हर सवाल के जवाब
श्री मुक्तसर साहिब से खबर है कि 26 अगस्त को कलंक चौथ है लेकिन सिद्धि विनायक व्रत की चौथ 27 अगस्त को मनाई जाएगी। पं. पूरन चंद्र जोशी ने बताया कि भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि में चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। भूलवश दर्शन हो जाए तो ओमः नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब। कलंक चौथ, पथ्थर चौथ 26 अगस्त (मंगलवार) की रात्रि है। मगर सिद्धि विनायक व्रत की चौथ 27 अगस्त (बुधवार) को चतुर्थी तिथि बुधवार अपराह्न काल 3ः45 बजे तक रहेगी। जो मंगलवार दोपहर के 1ः55 बजे शुरु होगी। इसलिए मंगलवार 26 अगस्त की रात्रि चंन्द्रमा का दीदार न करें।
गणेश चतुर्थी को यह जानकारी सनातन धर्म प्रचारक प्रसिद्द विद्वान ब्रह्मऋषि पं. पूरन चंद्र जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि शुरू होने से लेकर खत्म होने तक चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए।
यदि भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन हो जाए तो मिथ्या दोष से बचाव के लिए ओमः नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए तथा निम्नलिखित कथा का श्रवण करना चाहिए।
पं. जोशी ने बताया कि एक बार नंदकिशोर ने सनतकुमारों से कहा कि चतुर्थी के चंद्रमा के दर्शन करने से श्रीकृष्ण पर जो लांछन लगा था, वह सिद्धि विनायक व्रत करने से ही दूर हुआ था। ऐसा सुनकर सनतकुमारों को आश्चर्य हुआ। उन्होंने पूर्णब्रह्म श्रीकृष्ण को कलंक लगने की कथा पूछी तो नंदकिशोर ने सनतकुमारों को यह कथा सुनाई, जो इस प्रकार है।
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