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    मुक्तसर में मजदूर संगठनों का हल्ला बोल, बाढ़ पीड़ितों के लिए 15 लाख मुआवजे की मांग; बड़े आंदोलन की चेतावनी

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:23 PM (IST)

    जिले में मजदूर संगठनों ने बाढ़ से हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। नेताओं ने सरकार द्वारा घोषित मुआवजे को अपर्याप्त बताया और क्षतिग्रस्त घरों के सर्वे न होने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने सरकार से पुनर्निर्माण के लिए 15 लाख छत मरम्मत के लिए 5 लाख और जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।

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    मजदूरों ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा देने के लिए निकाला बाइक मार्च (फोटो: जागरण)

    संवाद सूत्र, जागरण श्री मुक्तसर साहिब। ग्रामीण एवं खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर बाढ़/बारिश से हुए जान-माल के भारी नुकसान की भरपाई के लिए मजदूरों ने मुक्तसर, मलोट और ब्लाक के गांव लकड़वाला, लखमीरियाना, खुंडे हलाल, चिब्बड़ावाली, गंधड़, भागसर, मदरसा, रामगढ़ चुंगा, अकालगढ़ फत्तनवाला आदि गांवों में मोटरसाइकिल मार्च निकालकर राज्य सरकार से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे की मांग की।

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    गांवों में मार्च के दौरान मजदूरों को संबोधित करते हुए पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जिला नेता तरसेम खुंडे हलाल, काका सिंह खुंडे हलाल, जसविंदर सिंह संगूधौन, कुल हिंद मजदूर यूनियन के नेता करमजीत कौर लकड़वाला, तोता सिंह शेरेवाला, बलबीर सिंह रूपाणा, मलकीत सिंह फत्तनवाला, ग्रामीण मजदूर सभा के जगजीत सिंह जस्सेआना, कर्म मदरसा ने कहा कि बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित लोगों को जहां जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, वहीं पंजाब भर में मजदूर वर्ग के लोगों के घरों को काफी नुकसान हुआ है।

    उन्होंने कहा कि संगठनों के संघर्ष के बाद सरकार ने गिरे हुए घरों और क्षतिग्रस्त घरों के लिए कुछ मुआवजे की घोषणा जरूर की है, जो नुकसान को देखते हुए बहुत कम है। नेताओं ने कहा कि यह शर्म की बात है कि अभी तक कोई भी अधिकारी मजदूरों के घरों का सर्वे करने नहीं आया है, जिससे पता चलता है कि राज्य सरकार कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा कि 2023 की बाढ़ के दौरान भी सिर्फ घोषणाएं ही रह गईं और लोगों को मुआवजा नहीं मिला।

    उन्होंने कहा कि संयुक्त मज़दूर मोर्चा मांग करता है कि बाढ़/बारिश से तबाह हुए घरों के पुनर्निर्माण के लिए 15 लाख रुपये, टूटी छतों को बदलने लिए पांचलाख रुपये, बाढ़ में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों को कम से कम 25 लाख रुपये और मज़दूरों के मजदूरी की भरपाई लिए परिवार 50 हजार रुपये मुआवज़ा दिया जाए।

    मज़दूर नेताओं ने उनके सामने फोटो खिंचवाते हुए कहा कि अगर सरकार मज़दूरों की इन मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो संयुक्त मज़दूर मोर्चा आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर लामबंदी और संघर्ष करेगा। इस समय मनजीत कौर, आकाशदीप, सुरजीत सिंह, सतपाल सिंह, गुरकिरसन सिंह आदि भी शामिल थे।