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    मुक्तसर में पराली की आग ने घोंटा लोगों का दम, जिले में AQI 200 पार; 10 किसानों पर FIR और 1.15 लाख का जुर्माना

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 03:36 PM (IST)

    जिले में पराली जलाने के 234 मामले सामने आए हैं, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 तक पहुंच गया है। प्रशासन ने 10 किसानों पर एफआईआर दर्ज की है और 1.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 70 हजार रुपये वसूले जा चुके हैं। 32 जमीनों की रेड एंट्री डाली गई है। किसान रात में आग लगा रहे हैं, जिससे लोगों को आँखों में जलन हो रही है। कृषि अधिकारी और एसएसपी ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है।

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    जिले में पराली जलाने के 234 केस, किसानों को 1.15 लाख जुर्माना (फोटो: जागरण)

    राजिंदर पाहड़ा, श्री मुक्तसर साहिब। जिले में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि से वायु गुणवत्ता खराब हो रही है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यआइ) बढ़ रहा है और लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

    जिला मुक्तसर में अब तक 234 केस पराली जलाने सहित अन्य जगहों पर आग लगाने के स्पाट हो हुए हैं जिस कारण एक्यूआइ 200 हो गया है,जोकि खराब स्थिति में है। हालांकि प्रशासन भी सख्ती बरत रहा है।

    अब तक विभिन्न थानों में 10 के करीब किसानों पर चार एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। हालांकि किसी भी मामले में गिरफ्तारी नहीं है। यह एफआईआर तीन गिद्दड़बाहा थाने में और एक मलोट में दर्ज है।

    कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला मुक्तसर में 234 केस पराली सहित अन्य जगहों पर आग लगाने के सेटेलाइट से स्पाट हुए हैं। इनमें मुक्तसर सब डिवीजन में 94,मलोट में 68 और गिद्दड़बाहा में 72 मामले हैं।

    वहीं पराली को आग लगाने वाले किसानों को अब तक 1.15 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है जिसमें से 70 हजार की रिकवरी की गई है। इसके अलावा 32 जमीनों की रेड एंट्री डाली गई है जबकि 50 में डालने की प्रकिया चल रही है। वहीं पराली जलाने के केस न रोक पाने के चलते जिले में 22 नोडल पर्यवेक्षक अधिकारियों को चेतावनी नोटिस भी जारी किए गए हैं।

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    जिले में धान की कटाई का काम अंतिम चरण में है और अधिकांश किसानों ने गेहूं की बुवाई का कार्य शुरू कर रखा है। इस दौरान किसान गेहूं की बुवाई के लिए जल्दी जल्दी खेत को खाली करने के चक्कर में पराली के अवशेष को आग के हवाले कर रहे हैं।

    भले ही प्रशासन ने सख्ती कर रखी है लेकिन किसानों ने इसका हल भी ढूंढ रखा है।‌वह रात के समय आग लगा रहे हैं ताकि वह प्रशासन की पैनी नजर से बच सकें।

    पराली की आग के कारण शाम के समय आंखों में जलन भी लोगों में देखने को मिल रही है। मुक्तसर के श्री गुरु गोबिंद सिंह पार्क में सैर करने आने वाले लोगों की शाम के समय संख्या भी घट गई है।

    सैर करने आने वाले संजीव कुमार, गुरविंदर ने बताया कि शाम को जब सैर करने आते हैं तो आंखों में जलन होती है, क्योंकि आसपास के गांवों में पराली जलने से धुआं शहर के अंदर तक आ रहा है जिस कारण समस्या आ रही है।

    एक सप्ताह में ऐसा रहा एक्यूआइ -

    तिथि - एक्यूआइ
    4 - 192
    5 - 162
    6 - 167
    7 - 173
    8 - 173
    9 - 185
    10 - 168
    11 - 200

    जिला कृषि अधिकारी जगसीर सिंह ने कहा कि पराली को आग न लगाने के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। लेकिन फिर भी जो किसान ऐसा कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उनकी जमीनों पर रेड एंट्री डाली जा रही है और भारी जुर्माना किया जा रहा है।

    एसएसपी डा.अखिल चौधरी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली को आग न लगाई जाए। आने वाले दिनों में इससे और ज्यादा समस्या बढ़ सकती है। पराली जलाने की घटनाओं से लोग बीमार हो रहे हैं। एक्सीडेंट हो रहे हैं। वहीं आने वाले दिनों में विजिबिलिटी और कम हो सकती है। ऐसे में पराली की आग नुकसानदायक हो रही है। इसको आग न लगाई जाए।