मुक्तसर में वकीलों की हड़ताल से कोर्ट ठप, हजारों केस लटके और जमानत याचिकाएं फंसी; क्या है पूरा मामला?
वकीलों की हड़ताल के कारण लगभग एक हजार मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी, जिससे जमानत लेने वालों को परेशानी हुई। बार एसोसिएशन ने एडवोकेट हरमनदीप सिंह संधू पर दर्ज एफआईआर के विरोध में हड़ताल की है और एडीसी को मांग पत्र सौंपकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की है। एसोसिएशन ने पुलिस पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है।

वकीलों की हड़ताल से एक हजार मामलों की नहीं हुई सुनवाई, जमानत लेने वाले लोगों को अधिक परेशानी (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। जिला बार एसोसिएशन ने एडवोकेट हरमनदीप सिंह संधू पर दर्ज एफआईआर के मामले में वीरवार से दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। पहले दिन जिले की मुक्तसर,मलोट और गिद्दड़बाहा की अदालतों में कामकाज नहीं हुआ और विभिन्न केसों से संबंधित तकरीबन एक हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई नहीं हुई।
इस कारण खास कर उन लोगों को परेशानी हुई जिनकी जमानत की फाइलें लगी हुई हैं। बता दें कि इससे पहले भी जिला बार एसोसिएशन दो दिवसीय हड़ताल कर चुकी है। वहीं वीरवार को बार एसोसिएशन ने एडीसी को मांग पत्र सौंप कर मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाने की मांग की है।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारी धलवंत सिंह उप्पल ने कहा कि एसोसिएशन के संज्ञान में आया है कि 04.11.2025 को पुलिस अधिकारियों ने बीएनएस की धारा 109 को हटाने के संबंध में एक डीडीआर प्रविष्टि (डीडीआर संख्या 30) की, लेकिन उसी डीडीआर में उन्होंने एडवोकेट हरमनदीप सिंह संधू के खिलाफ गलत और अवैध रूप से धारा 118(2) बीएनएस जोड़ दी।
इसके अलावा उसी प्रविष्टि में पुलिस ने कथित घटना के तीन दिन बाद अवैध रूप से एक नया नाम गुरजीत सिंह को घायल व्यक्ति के रूप में दर्ज कर दिया।
गुरजीत सिंह की मेडिकल लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि जांच की तारीख को चोटें केवल छह घंटे पुरानी थीं, जिससे यह निर्विवाद रूप से सिद्ध होता है कि 29.10.2025 की कथित घटना में उन्हें चोट नहीं लगी होगी।
पुलिस द्वारा जानबूझकर की गई हेराफेरी और तथ्यों को गढ़ना स्पष्ट रूप से घोर कदाचार, पदीय शक्तियों का दुरुपयोग और अभिलेखों में हेराफेरी का मामला है, जो स्पष्ट रूप से एडवोकेट हरमनदीप सिंह संधू को बदनाम करने और झूठे आरोप में फंसाने के इरादे से किया गया है।
संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध जानबूझकर कर्तव्यहीनता, साक्ष्यों से छेड़छाड़ और तथ्यों को तोड़-मरोड़ने के प्रयास के लिए विभागीय जांच और कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई।
उन्होंने चेतावनी दी कि मुक्तसर जिले की सभी अदालतों में तब तक पूर्ण हड़ताल जारी रखेंगे जब तक आरोपित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई नहीं हो जाती और एडवोकेट हरमनदीप सिंह संधू को न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाता। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की भी मांग की गई है।

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