Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुक्तसर मंडी में बारिश का कहर, धान की बोरियां भीगने से किसान परेशान; लिफ्टिंग की सुस्ती ने बढ़ाई मुसीबत

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 06:04 PM (IST)

    श्री मुक्तसर साहिब में तेज बारिश और ओलावृष्टि से मंडियों में रखी धान की फसल भीग गई, जिससे किसानों को नुकसान हुआ। खरीदी गई सवा चार लाख बोरियां खुले आसमान के नीचे पड़ी थीं। किसानों ने तिरपाल से बचाने की कोशिश की, पर तेज बारिश के कारण फसल भीग गई। लिफ्टिंग धीमी होने से समस्या और बढ़ गई है।

    Hero Image

    तेज वर्षा और ओलावृष्टि से मंडियों में भीगी धान की फसल (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता,श्री मुक्तसर साहिब। जिला मुक्तसर में तकरीबन आधा घंटा तेज वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई। इस कारण जिले की विभिन्न मंडियों में पड़ी धान की फसल भीग गई है।

    जिला मुख्यालय की अनाज मंडी में इस समय खरीद की गई धान की सवा चार लाख बोरी पड़ी है जिनमें से अधिकतम खुले आसमान के नीचे पड़ी थी। वहीं खरीद के लिए पड़ी धान की फसल भी भीग गई है जिस कारण किसानों का नुकसान हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि कुछ किसानों ने तिरपालें डाल कर फसल को भीगने से बचाने का प्रयास किया लेकिन वर्षा तेज होने के चलते काफी हद तक फसल भीग गई है। उधर, मलोट में भी भारी वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई है।

    वर्षा से वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। सेहत विभाग के मुताबिक पिछले कई दिनों से सूखी सर्दी के कारण वायरल बीमारियों की चपेट में आए लोगों को राहत मिलेगी।

    जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह धूप खिली हुई थी लेकिन दोपहर तीन बजे के बाद एकदम से बादल छाने लगे और पौने पांच बजे के करीब तेज वर्षा शुरू हो गई। मुक्तसर में बीस मिनट और मलोट में आधा घंटा तेज वर्षा हुई। वर्षा के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

    किसान बलविंदर सिंह थांदेवाला, जसकरण सिंह,गुलाब सिंह ने बताया कि 30 प्रतिशत धान की कटाई अभी बाकी है। वर्षा के बाद अब धान की कटाई प्रभावित होगी। वहीं पराली संभाल में भी समस्या आएगी। किसानों को वर्षा के कारण फसल के खराब होने का भी डर सता रहा है।

    जिला मंडी में लिफ्टिंग का कार्य धीमा है। इस वजह से मजदूर यूनियन चार बार काम रोक चुकी है। इसके बावजूद लिफ्टिंग के कार्य में गति नहीं आई‌। हालात यह बन चुके हैं कि इस समय मंडी में सवा चार लाख बोरी खरीद की धान से भरी मंडी में पड़ी है।

    फसल लेकर मंडी आ रहे किसानों को फसल लगाने के जगह नहीं मिल रही। अब जिन किसानों ने फसल के खुले में ढेर लगा रखे हैं वर्षा से उन किसानों की फसल भीग गई है और उन्हें नुकसान हुआ है।

    जिला मंडी बोर्ड के अधिकारी अजय पाल बराड़ ने कहा कि खरीद एजेंसियों को लिफ्टिंग में तेजी लाने के लिए बोल रखा है। आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।