मुक्तसर साहिब में टोल प्लाजा पर किसानों ने लगाया धरना, पुलिस ने टेंटों से खींचकर बाहर निकाले प्रदर्शनकारी
श्री मुक्तसर साहिब में कोटकपूरा स्टेट हाईवे पर किसानों का टोल प्लाजा पर धरना पुलिस ने जबरन हटा दिया। भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के सदस्य दो सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे थे जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारी पुलिस बल तैनात है। किसान सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों पर पुल चौड़ा करने की मांग कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। कोटकपूरा स्टेट हाईवे पर गांव वड़िंग में स्थित टोल प्लाजा को बंद कर दो सप्ताह से भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के चल रहे धरने को स्थानीय पुलिस ने जबरी उठा दिया है।
पुलिस ने किसानों को खींच कर बाहर निकाला और टेंट भी उखाड़ दिए गए। विरोध कर रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने में बंद कर दिया है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। भारी संख्या में टोल पर पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ में जल तोपें भी लगाई गई हैं।
किसान मांग कर रहे हैं कि सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों पर पुल को चौड़ा करने के साथ अन्य अनियमिताएं दूर की जाएं।
हालांकि, प्रशासन से वादे के अनुसार टोल कंपनी ने पुल को चौड़ा करने का काम शुरू किया था पर किसानों के धरने के चलते कंपनी ने काम बंद कर दिया है। अब आज दोनों पक्षों से सहमति के लिए प्रशासन ने बैठक की। पर सहमति नहीं बनने पर प्रशासन ने किसानों का धरना जबरी उठा दिया है।
शुरू से विवादों में रहा टोल प्लाजा
जानकारी के 19 सितंबर 2017 को मुक्तसर कोटकपूरा हाईवे पर टोल प्लाजा अस्तित्व में आया था। टोल प्लाजा जब से बना है तभी से इसका विवादों से नाता जुड़ा रहा है। स्थानीय किसान यूनियन की इकाइयां समय-समय पर टोल प्लाजा को बंद करके धरना प्रदर्शन करते रहे हैं।
कारण यह है कि सरहिंद और राजस्थान फीडर जोड़वी नहरों पर बना पुल सड़क के आकार से छोटा है। ऐसे में हादसे होते रहते हैं। इसके अलावा भी रोड पर अन्य अनियमिताएं हैं जिसको दूर न किए जाने के चलते किसान विरोध करते हैं।
किसानों की प्रमुख मांग दोनों जोड़ा नहरों पर पुल को चौड़ा करने की है। लगभग दो वर्ष पहले एक निजी कंपनी की बस सरहिंद फीडर नहर में गिरने के कारण नौ लोगों की नहर में डूबने से मौत हो गई थी व 11 घायल हुए थे।
उसके बाद किसान यूनियन ने पुल चौड़ा करने की मांग को लेकर डेढ़ साल तक धरना लगाए रखा। इस दौरान टोल भी बंद रहा।
एक माह पहले प्रशासन और टोल कंपनी व किसान यूनियन के मध्य में एक समझौता हुआ जिसके दौरान पुल को चौड़ा करने का काम एक निश्चित अवधि में शुरू करना था।
कंपनी ने वादा किया था कि वह दो माह के भीतर काम शुरू कर देंगे और एक साल में काम मुकम्मल कर लेंगे। काम शुरू हुआ भी परंतु किसानों ने एक बार फिर धरना लगा कर टोल बंद कर दिया। किसान यूनियन सिद्धपुर की इकाई इस समय धरने पर बैठी है।
हमने तो अपना वादा पूरा किया था: मैनेजर
टोल कंपनी के मैनेजर जितेंद्र कुमार पटेल ने कहा कि हमारी कंपनी जिला मुक्तसर के प्रशासन, किसान यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें कंपनी ने जोड़ा नहरों पर पुल बनाने का कम दो महीने में शुरू करने का समय मांगा था और इसको एक निश्चित अवधि लगभग एक साल में पूरा करने का वादा किया था।
इसके साथ सड़क की मरम्मत आदि का कार्य भी शुरू करना था। कंपनी ने पुल के लिए टेंडर भी लगा दिए थे व कंपनी द्वारा इनका पुराने पुलों का निरीक्षण करने के बाद काम भी शुरू करवा दिया था परंतु इसी दौरान भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर इकाई ने टोल को बंद कर धरना लगा दिया।
अब टोल बंद है और उन्हें कमाई नहीं हो रही। ऐसे में वह कैसे पुल का काम करवा सकते हैं। हमने तो वादे मुताबिक काम शुरू कर दिया था।
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