'नहीं चलने देंगे टोल, भले ही गिरफ्तार कर लें'; किसानों के धरने में डल्लेवाल हुए शामिल
श्री मुक्तसर साहिब में टोल प्लाजा को लेकर किसान और प्रशासन के बीच विवाद बढ़ गया है। भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर ने डीसी दफ्तर के बाहर धरना दिया। किसानों का आरोप है कि प्रशासन टोल कंपनी का साथ दे रहा है और प्रदर्शनकारी किसानों को जेल में डाल रहा है। यूनियन के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने टोल बंद करवाने या गिरफ्तारी देने की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। जिला प्रशासन और किसानों के बीच टोल प्लाजा को लेकर चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को फरीदकोट और बठिंडा जिलों से भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर की टीमों द्वारा मुक्तसर में रोष मार्च निकालते हुए डीसी दफ्तर के बाहर धरना दिया।
धरने में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल हुए। इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन टोल कंपनी को शह देकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है और प्रदर्शनकारी किसानों को जेल में बंद किया जा रहा है।
डल्लेवाल ने चेतावनी दी कि वह टोल को बंद करवाएंगे या गिरफ्तारी देंगे। लेकिन संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक टोल बंद नहीं किया जाता। किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने फिलहाल सोमवार तक टोल को बंद कर दिया है।
उधर,जिला पुलिस ने यूनियन के हिरासत में लिए 75 किसानों को अभी रिहा नहीं किया है। ज्यादातर किसान जेल में बंद हैं और कुछ को थानों के अंदर रखा गया है। टोल कंपनी द्वारा सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों पर बने पुल को चौड़ा करने का काम भी शुरू कर दिया है।
किसानों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन पिछले तीन दिन से लगातार पुलिस सुरक्षा के बीच टोल प्लाजा पर आवाजाही कर रहा था।
डल्लेवाल ने कहा कि पंजाब बाढ़ की चपेट में है। हम सभी लोगों की सहायता में लगे हुए हैं। लेकिन मुक्तसर प्रशासन ने उनके संघर्ष कर रहे किसानों को जिस तरह धरने से जबरी उठाया है। यह बहुत धक्केशाही है जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुक्तसर का प्रशासन टोल कंपनी को सुरक्षा मुहैया करवा रहा है। जबकि उनके किसानों को जेलों में बंद किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि टोल मापदंड पूरे करने पर ही लग सकता है लेकिन मुक्तसर - कोटकपूरा रोड पर लगा टोल किसी तरह के मानदंड पूरे नहीं करता। यह पूरा मामला राज्य सरकार के ध्यान में भी है। साल 2023 में 19 सितंबर को सवारियों से भरी निजी बस नहर में गिर गई थी जिसमें नौ लोगों की मौत और 11 लोग घायल हो गए थे।
हादसे का कारण सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों पर पुल का तंग और खस्ता हालत होना था। यही नहीं इस रोड पर ढेर सारी अनियमिताएं हैं। जिसे दूर करने के स्थान पर टोल कंपनी लोगों की लूट करते हुए टैक्स के माध्यम से पैसे इकट्ठे कर रही है।
प्रशासन को टोल बंद करवा कर नहरों पर पुल को चौड़ा करवाना चाहिए और अन्य अनियमिताएं दूर करवानी चाहिए। लेकिन मुक्तसर का प्रशासन ऐसा करने के स्थान पर उलटा टोल कंपनी को सुरक्षा मुहैया करवाकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अब वह इस टोल को नहीं चलने देंगे। इसके लिए जितना बड़ा संघर्ष करना पड़ा करेंगे। इसके लिए भले ही हमें जेल में जाना पड़े तो वह जाएंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी पैसे कमा कर कब भाग जाए कौन जानता है। कई साल कंपनी ने ऐसे ही निकाल दिए हैं। जिला प्रशासन ने बस हादसे के बाद भी टोल कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की। मैं तौ हैरान हूं कि आखिर मुक्तसर का प्रशासन टोल कंपनी पर इतना मेहरबान क्यों है।
फरीदकोट जिले से भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के महासचिव इंद्रजीत सिंह घनिया ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि नहरों पर बने पुल को चौड़ा नहीं किया जा रहा है और न ही सड़क की अन्य खामियों को दूर किया जा रहा है। दरअसल, मुक्तसर कोटकपूरा स्टेट हाईवे टोल प्लाजा लगाने लायक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां टोल लगाया गया है।
सड़क की हालत खस्ता है। उन्होंने चेतावनी कि किसान किसी भी तरह के जुल्म से दबने वाले नहीं हैं। आज फरीदकोट और बठिंडा की टीमों द्वारा रोष प्रदर्शन किया गया है, अगर हिरासत में लिए गए किसानों को जल्द रिहा नहीं किया गया और पुल को चौड़ा नहीं किया गया तो वे पूरे पंजाब से किसानों को लाकर बड़े स्तर पर रोष प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर किसानों ने पंजाब सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और अपना रोष व्यक्त किया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।