उपाध्याय श्री प्रवीण ऋषि जी महाराज का जन्मदिन मनाया
एसएस जैन सभा के प्रांगण में युगपुरुष उपाध्याय भगवन श्री प्रवीण ऋषि जी महाराज साहब का जन्मदिन तप जप के रूप में मनाया गया। ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, मलोट ( श्री मुक्तसर साहिब): एसएस जैन सभा के प्रांगण में युगपुरुष उपाध्याय भगवन श्री प्रवीण ऋषि जी महाराज साहब का जन्मदिन तप जप के रूप में मनाया गया। पंजाब सिंहनी श्री प्रदीप रश्मि जी महाराज साहब ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उपाध्याय श्री प्रवीण जी महाराज इस युग के ऐसे जाने-माने संत हैं जो अपनी प्रज्ञा व साधना से संपूर्ण मानव जाति को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका जन्म महाराष्ट्र के घोड़ा गांव में पिता दगडू राम देसरडा व माता चंपाबाई देसरडा के यहां हुआ। वह बचपन से ही अत्यंत मेधावी व धार्मिक प्रवृत्ति के थे। उन्होंने 16 वर्ष किशोर वय में आचार्य सम्राट श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब के चरणों में 1974 में भागवती दीक्षा ग्रहण की। गुरु सेवा व ज्ञान प्राप्ति को उन्होंने अपना ध्येय बनाया। 2003 में उन्होंने इंदौर की पहाड़ियों 13 माह तक एकांत साधना की और उन्होंने अनेक अलौकिक अनुभव प्राप्त किए । उन्होंने जैन व जैनेतर ने ग्रंथों का भी गहन अध्ययन किया। वे उच्च कोटि के दार्शनिक व महान संत हैं ।वे पुरुषाकार पराक्रम ध्यान साधना, अर्हम ध्यान साधना, अष्टमंगल ध्यान साधना पद्धति के अनुसंधाता व प्रयोक्ता हैं । उन्होंने अध्यात्मिक विकास के लिए आपने अर्हम विज्जा फाउंडेशन की स्थापना की। आपकी सृजन चेतना से संपूर्ण मानव समाज लाभान्वित हो रहा है। आपका पावन मार्गदर्शन सबको मिलता रहे आप दीर्घायु हो, यही प्रभु से प्रार्थना है। इस अवसर पर सतपाल, कामरा व श्यामसुंदर छिदी , श्याम कटारिया ने भी अपने मधुर गीत द्वारा श्रद्धा की अभिव्यक्ति दी । एसएस जैन सभा के प्रधान प्रवीण ने बताया कि महा साध्वी जी के द्वारा 25 अक्टूबर को श्री उत्तराध्ययन जी सूत्र का अनुष्ठान प्रारंभ होने जा रहा है। कोषाध्यक्ष रमेश जैन ने बाहर से पधारे अतिथियों का स्वागत किया।

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