सऊदी अरब की जेल में बंद बलविंदर सिंह आखिरकार घर लौट आए, 2 करोड़ दिया जुर्माना; इलाके में खुशी की लहर
सऊदी अरब की जेल में बंद गांव मल्लन का युवक बलविंदर सिंह आखिरकार रिहा हो गया और अपने वतन लौट आया। जेल में बंद बलविंदर सिंह को वहां बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहां की सरकार ने उसका सिर कलम करने या दो करोड़ रुपये देने और सात साल की सजा देने का आदेश दिया। इस बड़ी मुसीबत के बाद बलविंदर आज अपने वतन लौट आए।

श्री मुक्तसर साहिब, जागरण संवाददाता। सऊदी अरब की जेल (Saudi Arabia Jail) में बंद गांव मल्लन का युवक बलविंदर सिंह आखिरकार रिहा हो (Balwainder Singh release from Jail) गया और अपने वतन लौट आया। जेल में बंद बलविंदर सिंह को वहां बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहां की सरकार ने उसका सिर कलम करने या दो करोड़ रुपये देने और सात साल की सजा देने का आदेश दिया।
इस बड़ी मुसीबत के बाद बलविंदर आज अपने वतन लौट आए। उनके वतन लौटने पर पारिवारिक मेंबरों दो भाई और एक बहन समेत पूरे इलाके में खुशी की लहर है।
3 करोड़ का लगा जुर्माना
घर लौटने के बाद बलविंदर ने कहा कि उन्हें वहां काफी तकलीफ झेलनी पड़ी। उनसे बार-बार धर्म परिवर्तन करने का आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। सऊदी अरब सरकार ने उन्हें सिर कलम करने की सजा सुनाई थी, लेकिन पंजाबियों ने उन्हें 2 करोड़ रुपये देकर नई जिंदगी दी, जिसके वे हमेशा ऋणी रहेंगे। जानकारी के अनुसार श्री मुक्तसर साहिब के गांव मल्लन निवासी बलविंदर सिंह पुत्र करम सिंह काफी समय से सऊदी अरब गए हुए थे, वहां एक कंपनी में विवाद हो गया और एक व्यक्ति की मौत हो गई।
22 मई को 2022 को सिर कलम किया जाना था
उस सिलसिले में बलविंदर सिंह पर सात साल पहले सऊदी अरब के 10 लाख रियाल और भारत के करीब 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 7 साल की सजा पूरी करने के बाद जुर्माना न भरने पर 18 मई 2022 को उसका सिर कलम किया जाना था, लेकिन लोगों की मदद से 2 करोड़ रुपये की रकम इकट्ठा कर 22 मई 2022 को सऊदी अरब भेज दी गई। इसके बाद वहां की अदालत ने बलविंदर सिंह का सिर कलम की सजा स्थगित कर दी।
गांव और परिवार बेहद खुश
मृतक के परिवार को पैसे देने के बाद भी कोर्ट द्वारा बलविंदर सिंह को रिहा नहीं किया जा रहा था, जिसके बाद परिवार के सदस्यों सहित कई पंजाबियों के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार बलविंदर सिंह को सऊदी अरब सरकार ने रिहा कर दिया। इस बड़े नुकसान के बाद बलविंदर अपने परिवार के पास पहुंचे। भले ही उनके माता-पिता उन्हें देखे बिना ही इस दुनिया से चले गए, लेकिन बलविंदर के वतन लौटने पर उनके परिवार वाले और गांव वाले बेहद खुश हैं।
विदेशों में कष्ट सहना पड़ता है
गांव मल्लन पहुंचने पर ग्रामीणों ने फूल मालाएं पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी दुखभरी कहानी सुनाई और पंजाबी युवाओं से अपील की कि वे विदेश न जाएं और पंजाब में ही काम करने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि पंजाबी युवाओं को विदेशों में बहुत कष्ट सहना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि वह खुद रोजगार की तलाश में सऊदी अरब गये थे, लेकिन उनका जीवन कष्ट में बीता। उन्होंने सरकारों पर भड़कते हुए कहा कि अगर सरकारें हमारे युवाओं को उचित रोजगार दे दें तो उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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