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    दो माह में 30 हजार बच्चों को किया गया जागरूक

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 12 Jul 2022 03:49 PM (IST)

    एसएसपी ध्रूमन एच निबाले ने बच्चों के साथ सीधे संपर्क रहने के लिए बाल मित्र अभियान शुश किया गया।

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    दो माह में 30 हजार बच्चों को किया गया जागरूक

    संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

    एसएसपी ध्रूमन एच निबाले ने बच्चों के साथ सीधे संपर्क रहने के लिए बाल मित्र सुरक्षा अभियान शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को बचपन से पुलिस का डर पैदा किया जाता था जिससे बच्चों में डर पैदा होता है। जो बच्चे किसी भी दु‌र्व्यवहार, किसी भी अप्रिय घटना, अपहरण या यौन शोषण के शिकार होते हैं, वे पुलिस द्वारा अपने माता-पिता और पुलिस को इसके बारे में नहीं बता सकते हैं। मुख्य उद्देश्य इस डर को दूर करना और शिक्षित करना था। बच्चों को पुलिस के कामकाज के बारे में बताया ताकि वे मुसीबत के समय पुलिस की मदद ले सकें। एसएसपी ने बताया कि बाल मित्र कार्यक्रम के तहत दो माह में 30,000 से अधिक स्कूली बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लिया और सीधे पुलिस से संपर्क किया।

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    बाल मित्र कार्यक्रम के प्रथम चरण में एसएसपी के कार्यालय में स्कूली बच्चों का दौरा किया गया जहां स्वयं एसएसपी और अन्य अधिकारियों की टीमों ने बच्चों से संपर्क किया और पुलिस कंट्रोल रूम हेल्पलाइन नंबर 112, 181, 1091, 1098 कैसे काम करते हैं। जब आप इन नंबरों पर संपर्क करते हैं, तो हम कम समय में आप तक पहुंच सकते हैं। बच्चों को जिला सांझ केंद्र की विजिट कराया गया और सांझ केंद्र पुलिस टीम द्वारा शक्ति एप के प्रयोग और सांझ केंद्र की सेवाओं की जानकारी दी गई।

    बाल मित्र कार्यक्रम के अगले चरण में एसएसपी ने बाल मित्र पुलिस अधिकारियों को तैनात किया था जो थाना अंतर्गत जिले के विभिन्न स्कूलों में बच्चों से सीधे संवाद करने और बच्चों के बारे में पूछताछ करने के लिए दैनिक सेमिनार आयोजित करेंगे। पुलिस की कार्यशैली की जानकारी दी जा रही है। एसएसपी ने खुद बच्चों से सहज माहौल में बातचीत की और बच्चों को पुलिस द्वारा दी जा रही सेवाओं से अवगत कराया।

    पंजाब कराटे एसोसिएशन के सहयोग से जूडो कराटे और आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे अपना बचाव कर सकें। उप-मंडल के अनुसार 21-दिवसीय कैप में छात्रों ने भारी भाग लिया। चाइल्ड फ्रेंड कार्यक्रम के अगले चरण के तहत, पुलिस टीमों ने स्लम क्षेत्र में जाकर सीधे बच्चों से संपर्क किया, उन्हें जरूरत पड़ने पर पुलिस सहायता की आवश्यकता के बारे में बताया और उन्हें किताबें, कापी, पेन, चप्पल, चाकलेट प्रदान की। जरूरतमंद बच्चों को टाफी भी दी गई। एसएसपी ने कहा कि पुलिस द्वारा स्कूलों/कालेजों में इसी तरह जागरूकता सेमिनार जारी रहेंगे।