दुकान में खड़ी लक्ष्मी जी तथा घर में बैठी हुईं लक्ष्मी जी का पूजन करें
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब दीपावली ¨हदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन विशेष रूप से महाल ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
दीपावली ¨हदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन विशेष रूप से महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है, जो विधि-विधान के अनुसार होता है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए कुछ बातों का ध्यान रखकर मां की अराधना करने से आपके घर में धन-धान्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये विचार कार्तिक मास के उपल्क्षय में गांव बीरेवाला में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम दौरान पं.पूरन चन्द्र जोशी ने व्यक्त किए।
जोशी जी ने कहा दीपावली के दिन महालक्ष्मी के साकार रूप का पूजन करने का विधान है। इस दिन अकेले महालक्ष्मी का पूजन नहीं किया जाना चाहिए। उनके साथ गणेश जी और मां सरस्वती कर पूजन भी होना चाहिए होना चाहिए। इसके अलावा मां लक्ष्मी का चित्र भगवान विष्णुजी के साथ भी हो सकता है। दीपावली वाले दिन नर¨सहजी के या वराह देवता के साथ लक्ष्मीजी का पूजन करना चाहिए। नृ¨सह भगवान विष्णु का ही रूप हैं, इसलिए जोड़े से पूजन करना हमेशा श्रेष्ठ रहता है। अगर मां लक्ष्मी का अकेले पूजन कर रहे हैं तो दो हाथियों के बीच विराजित मां लक्ष्मी का चित्र लेकर आएं। दुकान में खड़ी लक्ष्मीजी का तथा घर में बैठी हुईं लक्ष्मी जी का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मीजी का चित्र या विग्रह ऐसा होना चाहिए जिसमें मां के पैर किसी भी स्थान में नहीं दिखाई देते हों। मां लक्ष्मी के पैर को कमलपुष्प में या आभूषण में दबा होना चाहिए। पूजन करते समय देवी का मुंह पश्चिम में तथा भक्त का मुंह पूर्व में की स्थिति श्रेष्ठतम है। देवी की स्थापना पूर्व-उत्तर कोने में यानि ईशान कोण में पूर्व की दीवार पर या उत्तर की दीवार पर, भवन-क्षेत्र, कार्यालय के मध्य स्थान पर करनी चाहिए।
-----------------
वेद प्रकाश

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।