निकाय चुनाव खत्म होते ही फूटा वाटर एंड सीवरेज टैक्स बम
नगर निगम चुनाव खत्म होते ही अब वाटर एंड सीवरेज टैक्स शहर की जनता पर बम बनकर फूट रहे हैं।

सत्येन ओझा.मोगा
नगर निगम चुनाव खत्म होते ही अब वाटर एंड सीवरेज टैक्स शहर की जनता पर बम बनकर फूट रहे हैं। वाटर व सीवरेज टैक्स की दरें पंजाब सरकार ने 300 गुणा तक बढ़ा दी हैं। पहले पांच मरले तक के प्लाट में बने मकान के लिए वाटर सीवरेज टैक्स माफ था, अब दो मरले के प्लाट में भी किसी ने मकान बनाकर चोबारा भी बना लिया है तो हर महीने वाटर एंड सीवरेज टैक्स जमा कराना होगा। वाटर एंड सीवरेज टैक्स की दरें अक्टूबर महीने से बढ़ाई गई हैं। लेकिन 14 फरवरी को निकाय चुनाव होने के कारण नगर निगम सरकार के इस नोटिफिकेशन को छुपाए रहा। चुनाव खत्म होने के बाद अब लोगों के हाथों में अक्टूबर महीने से बढ़ी हुई दर के पानी व सीवरेज के बिल जारी हुए तो लोगों का आक्रोश बढ़ने लगा है। कैसे हुआ मामले का खुलासा
तेहरान में भारतीय टीम को शतरंज में छह में से पांच भारतीय खिलाड़ियों को गोल्ड दिलाने वाले शतरंज कोच विनोद शर्मा का कहना है कि न्यू टाउन की गली नंबर सात में उनके साढ़े पांच मरले के मकान का पानी व सीवरेज का बिल सितंबर महीने तक 345 रुपये मिलता था। इस बार तीन महीने का बिल 630 रुपये का मिला है। निगम ने इसका कोई प्रिट बिल नहीं दिया, निगम में जब पूछने पहुंचे तो उन्होंने सिर्फ इतना कह दिया कि अक्टूबर महीने से सरकार ने टैक्स की दरें बढ़ा दी हैं। प्रिटेड बिल मांगने पर ये कहकर मना कर दिया कि पूरे सिस्टम को अपडेट करना पड़ेगा, इसमें समय लग सकता है।
आवेदन किया ही नहीं, बिल 8900 का मिला
कोटकपूरा रोड पर सीमेंट की दुकान के संचालक दर्शन मित्तल ने बताया कि कोरोना काल के बाद जब जून महीने में अनलाक हुआ तो उन्होंने दुकान खोलनी शुरू कर दीं। उन दिनों में गायें उनकी दुकान के पास काफी आती थीं, इसलिए उन्होंने नगर निगम में तब पानी के कनेक्शन के लिए फाइल जमा कराने की कोशिश की, लेकिन उस समय निगम में कोई काम नहीं हो रहा था तो फाइल जमा नहीं हुई। उन्होंने पड़ोसी की पाइपलाइन से कनेक्शन लेकर गायों के पीने के लिए दुकान के बाहर टंकी लगा दी। अब उन्हें उनके नाम का 8900 रुपये का पानी का बिल मिला है। ये बिल कब से कब का है, इसका कोई उल्लेख नहीं है।
ये कहते हैं निगम के अधिकारी
निगम में वाटर एंड सीवरेज विभाग के सुपरिंटेंडेंट बलजीत सिंह का कहना है कि अक्टूबर महीने से सरकार ने टैक्स की दरें बढ़ा दी हैं। दो मरले में जिसका मकान है, अगर उसने चोबारा बनाया है तो उसे वाटर एंड सीवरेज टैक्स देना पड़ेगा। प्लाट पांच मरले का है तो प्रति महीने वाटर टैक्स 70 रुपये इतना ही सीवरेज टैक्स देना पड़ेगा। पांच मरले से ज्यादा बड़े प्लाट के मालिक को प्रति महीने सीवरेज टैक्स 105 रुपये, इतना ही वाटर टैक्स देना पड़ेगा। दस मरले से ज्यादा बढ़े प्लाट के मकान मालिक को प्रति महीने वाटर टैक्स 140 रुपये, जबकि इतना ही सीवरेज टैक्स देना होगा।
- ऐसे समझें बढ़ी दर
पूर्व में पांच मरले तक के प्लाट पर वाटर एंड सीवरेज टैक्स माफ था। पांच मरले से ज्यादा के मकान पर प्रति महीने सीवरेज टैक्स 30 रुपये, जबकि वाटर टैक्स 85 रुपये महीने था। अब पांच मरले से बड़े व 10 मरले से छोटे प्लाट के मकान मालिक को सीवरेज टैक्स प्रति महीने 30 रुपये के स्थान पर 105 रुपये महीने देने पड़ेंगे, जबकि पानी का बिल 85 रुपये के स्थान पर 105 रुपये महीने देना होगा।
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