भक्ति कुंज में 'एक शाम ठाकुर जी के नाम' भजन संध्या करवाई
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संवाद सहयोगी, मोगा
भक्ति कुंज में जन्माष्टमी पर्व पर एक शाम ठाकुर जी के नाम भजन संध्या करवाई गई। समागम में ठाकुर जी के दरबार में ज्योति प्रज्वलित हुकम चंद सराफ ने की।
मेरे बांके बिहारी लाल हम पर दया करो, साडे वेहड़े विच पैन लिश्कारे साडे घर श्याम आ गए ..भजनों से भक्ति कुंज गूंज उठा। मुख्य सेवादार यश पाल पाली ने कहा कि जब भी धरती पर बुराई का बोलबाला हुआ। भगवान ने भक्तों की पुकार पर अवतार धारण कर उनका मार्गदर्शन किया। हमारे शास्त्रों व वेदों में श्रेय मार्ग व प्रेम मार्ग है। भगवान की प्राप्ति हरी की शरण में है जो गुरु की भक्ति की और ले जाता है। दूसरा प्रेम मार्ग हमे संसार से प्रेम, माया को चाहने वाला है। हमें संसार में रहते प्रभु भक्ति की तरफ अपने मन को लगाना चाहिए ताकि हमारा मानव जीवन सार्थक हो। भक्ति रस संकीर्तन मंडल द्वारा भजनों का गायन किया गया। भक्ति कुंज सेवा मंडल ने तेरी मेहरबानी का बोझ इतना मैं तो उठाने के काबिल नहीं हूं, जो पहले दिया है वो कम नहीं उसी को निभाने के क़ाबिल नहीं हूं, आनंद आनंद बरस गोविद तुम्हारे चरणों में, श्याम हमारे घर आ जाना, श्यामा आन बसो वृंदावन में मेरी उम्र ीत गई गोकुल में, राधिका गोरी से ..आदि भजनों से भक्ति रस बिखेरा।

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