शराब के ठेके खुले हैं और स्कूल बंद, सरकार का ये गलत फैसला
शराब के ठेके खुले रहें स्कूल बंद हों ये कहां का इंसाफ है? क्या कोरोना संक्रमण शराब की दुकानों पर उमड़ने वाली भीड़ से नहीं फैलता। ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी,मोगा
शराब के ठेके खुले रहें, स्कूल बंद हों, ये कहां का इंसाफ है? क्या कोरोना संक्रमण शराब की दुकानों पर उमड़ने वाली भीड़ से नहीं फैलता। वहां तो बचाव का कोई प्रबंध नहीं है, जबकि स्कूल में सैनिटाइजर, मास्क, शारीरिक दूरी का पूरा पालन हो रहा है। ऐसे में पंजाब सरकार का स्कूल बंद करने का फैसला किसी भी रूप में उचित नहीं है।
इस तर्क के साथ सरकार के स्कूल बंद के फैसले के विरोध में बुधवार को मेन बाजार स्थित आरकेएस पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बता दें कि सरकार ने 31 मार्च कर स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए हैं। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने प्रिसिपल रजनी अरोड़ा के नेतृत्व में हाथों में काली झंडियां एवं तख्तियां लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रिसिपल रजनी, अध्यापक रेनू पलता, पूजा कालड़ा, क्रिस्टीना, जसविदर कौर आदि ने कहा कि मार्च 2020 में जब स्कूलों का सेशन शुरू हुआ तो उस समय भी स्कूल फिर बंद किए गए। अब जब एक बार फिर से सरकार ने स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए दिए हैं। सरकार को जिन विभागों से, दुकानों से आमदन प्राप्त होती है उन्हें खोलने की छूट दे रखी है। प्रिसिपल रजनी अरोड़ा ने कहा कि सरकार ने शराब के ठेके बंद रखने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए। हालांकि सभी स्कूलों में सरकार की तरफ से जारी हिदायतों का पालन किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है
रजनी अरोड़ा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाता है। क्लास रूम, स्कूल लैब, लेबोरटरी सहित सभी कमरों को सैनिटाइज करने के साथ-साथ विद्यार्थियों, स्टाफ व अभिभावकों को बिना मास्क स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। इसलिए सरकार को छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्कूल खोलने की अनुमति देनी चाहिए। उधर, स्कूल प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष संजीव सूद ने सभी स्टाफ सदस्यों को मित्तल अस्पताल से वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसका सारा खर्च स्कूल प्रबंधक कमेटी वहन करेगी।

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