काली घटाएं छाई, नहीं बरसे बदरा
गीतकार पं.गोपाल दास के गीत की पंक्ति.अबके सावन में एक शरारत मेरे साथ हुई घर मेरा छोड़कर शहर में बरसात हुई मोगा जिले में इस बार सार्थक होती नजर आ रही है पड़ोसी जिलों बठिडा जालंधर लुधियाना में मूसलाधार बारिश के बावजूद शहर बारिश से अब तक सूना रहा है।
जागरण संवाददाता, मोगा : गीतकार पं.गोपाल दास के गीत की पंक्ति.अबके सावन में एक शरारत मेरे साथ हुई, घर मेरा छोड़कर शहर में बरसात हुई, मोगा जिले में इस बार सार्थक होती नजर आ रही है, पड़ोसी जिलों बठिडा, जालंधर, लुधियाना में मूसलाधार बारिश के बावजूद शहर बारिश से अब तक सूना रहा है।
वीरवार को दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे आसमान में छाई घनी काली घटाओं ने कुछ पलों के लिए उम्मीद जगाई थी, लेकन मामूली बौछार के बाद बादल उड़ गए, हालांकि ठंडी हवाओं के चलते मौसम खुशनुमा हो गया, जिससे उमस से लोगों को राहत मिली।
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से जब पड़ोसी जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है वहीं मोगा बारिश के लिए तरस रहा है। वीरवार दोपहर लगभग तीन बजे आसमान में घिरी काली घटाओं से लगने लगा था कि तेज बारिश होगी, दिन में ही रात का अहसास होने लगा था, लेकिन 18-20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं तेज हवाएं बादलों को बहा ले गईं और मोगा एक बार फिर सूखा ही रह गया। हालांकि अधिकतम तापमान गिरकर 28.7 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जबकि न्यूनतम तापमान 25.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि इस सप्ताह शहर में बारिश लगातार होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।