पनसप कर्मचारियों ने मैनेजमेंट के खिलाफ लगाया धरना
। पंजाब स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड (पनसप) के कर्मचारियों की ओर से मोगा में पनसप मैनेजमेंट के खिलाफ धरना लगाया गया। ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी,मोगा
पंजाब स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड (पनसप)
के कर्मचारियों की ओर से मोगा में पनसप मैनेजमेंट के खिलाफ धरना लगाया गया।
धरने के दौरान कर्मचारियों ने पनबस मैनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि पिछले लंबे समय से कर्मचारियों की लंबित मांगों की अनदेखी की जा रही है। अफसरशाही इतनी ज्यादा हावी हो चुकी है कि कर्मचारी अपने आप को दबा-कुचला हुआ महसूस कर रहे हैं। सरकार की नीतियों के विरुद्ध पनसप में बैक डोर एंट्री द्वारा भर्ती की जा रही है तथा उन कर्मचारियों के हक मारे जा रहे हैं जो सही तरीके से पनसप में काम कर रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि हमें पनसप मैनेजमेंट से कोई उम्मीद नहीं है जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि पनसप में चल रही धक्केशाही को खत्म करते हुए छठा पे कमीशन तुरंत लागू किया जाए। वहीं, भर्ती किए कर्मचारियों की तरह अन्य दिहाड़ीदार चौकीदारों को यूटी रेट 18 हजार रुपये प्रति महीना दिया जाए। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर पनसप मैनेजमेंट ने तुरंत मांगों को पूरा नहीं किया तो संघर्ष को तेज किया जाएगा। धरने में रणजीत सिंह सहोता मोगा, करतार सिंह लुधियाना, सुखविदर सिंह फिरोजपुर, रोबिन गोयल बठिडा, राजेश कुमार जालंधर से तथा तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल हुए। मिनी बस आपरेटरों ने बसें जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहर खड़ी कीं मिनी बस आपरेटर एसोसिएशन की ओर से वीरवार को अध्यक्ष नरोत्तम पुरी की अगुआई में बैठक की गई। इस दौरान टेपों आपरेटरों की ओर से दी जा रही धमकियों को लेकर जिले में मिनी बसें बंद करने की घोषणा की गई।
एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि टेंपो चालक उन्हें खुदकुशी करने की धमकियां देकर मिनी बस चालकों को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। लेकिन प्रशासन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इस संबंध में यूनियन का शिष्टमंडल डिप्टी कमिश्नर से भी मिला, लेकिन उन्होंने भी कोई तसल्लीबख्श जवाब नहीं दिया। इसके बाद जिले की सारी मिनी बसें अनिश्चितकालीन समय के लिए जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के सामने खड़ी करके रोष प्रकट किया गया है। अध्यक्ष नरोत्तम पुरी ने कहा कि यह बसें बेमियादी समय के लिए बंद कर दी गई है। जब तक माननीय हाई कोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया जाता तथा खुदकुशी करने की धमकियां देने वालों पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती, बस सेवा शुरू नहीं की जाएगी।

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