प्रेम व भक्ति का प्रतीक है सावन माह
। गोपाल गोशाला मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित पवन कौशिक ने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय मास है वहीं इसमें भोले बाबा अपने भक्तों पर अपार कृपा करते हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा
गोपाल गोशाला मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित पवन कौशिक ने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय मास है वहीं इसमें भोले बाबा अपने भक्तों पर अपार कृपा करते हैं।
उन्होंने कहा कि सावन माह शुरू होते ही हर तरफ भोलेनाथ के जयकारे लगने लगते हैं। क्या घर, क्या शिवालय, हर तरफ समूचा पर्यावरण भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाता है। प्रकृति में भी हर तरफ हरियाली ही हरियाली रहती है। यानी सावन प्रेम और भक्ति से भरा महीना है। सावन के महीने में सबसे अधिक वर्षा होती है जो भगवान शिव के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती है। सावन महीने की महिमा भोलेनाथ ने भी बताई है। धर्म शास्त्रों के अनुसार शिव के तीनों नेत्रों में सूर्य दाएं, बाएं चंद्र और अग्नि मध्य नेत्र है। जब सूर्य कर्क राशि में गोचर करता है, तब सावन महीने की शुरुआत होती है। सूर्य गर्म है जो ऊष्मा देता है जबकि चंद्रमा ठंडा है जो शीतलता प्रदान करता है। इसलिए सूर्य के कर्क राशि में आने से खूब बरसात होती है। जिससे लोक कल्याण के लिए विष को पीने वाले भोले को ठंडक व सुकून मिलता है। प्रजनन की दृष्टि से भी यह मास बहुत ही अनुकूल है, इसलिए इसे श्रद्धा का महासावन कहते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।