भीषण गर्मी ने किया बेहाल, शाम को चली धूल भरी आंधी
शहर में दूसरे दिन भी दोपहर में भीषण गर्मी ने कहर बरपाया हालांकि दोपहर बाद चली धूलभरी आंधी के कारण पारा 42 डिग्री सेल्सियस पर ही टिका रहा।
राज कुमार राजू, मोगा : शहर में दूसरे दिन भी दोपहर में भीषण गर्मी ने कहर बरपाया, हालांकि दोपहर बाद चली धूलभरी आंधी के कारण पारा 42 डिग्री सेल्सियस पर ही टिका रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले पांच दिन तक लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार को मोगा का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा रहा। बता दें कि सुबह और शाम को सड़क, बाजार में लोगों का आवागमन बढ़ जाता है। बढ़ते तापमान को लेकर जहां शीतल पेय जल की बढ़ती मांग को देखकर मोगा के रेलवे अंडरब्रिज के पास नींबू पानी बेचने वाले एक युवक ने भले ही स्टाल लगा लिया लेकिन फिर भी उसके पास ज्यादा ग्राहक नहीं पहुंचे। लोगों को सता रही तेज धूप व गर्मी
पिछले कई दिनों हुई हल्की बारिश ने जहां एक बार मौसम के अंदाज को बदल दिया था। वहीं दो दिनों से तेज धूप व गर्मी से लोगों के पसीने छूट रहे हैं। सुबह 9 बजे के बाद पारा चढ़ना शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे धूप बढ़ती गई सड़कों पर सन्नाटा पसरता चला गया।
लू और धूल से आंखों को बचाएं
डॉ. साहिल गुप्ता ने कहा कि तेज गर्मी पड़ने के साथ लू का प्रकोप है। लू सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। तेज बुखार, मुंह सूखना, चक्कर व उल्टी आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में दर्द, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीना नहीं आना, अधिक प्यास लगना, पेशाब कम आना, भूख कम लगना व बेहोश होना भी लू लगने के प्रमुख लक्षण हैं। इससे बचने के लिए लोगों को धूप में निकलने से पहले सिर और कान को कपड़े से अच्छी तरह ढंक लें। पानी अधिक मात्रा में पीयें, नरम सूती कपड़े का ही उपयोग करें। धूप से ऐसे करें बचाव
आंख रोग माहिर डॉ. रूपाली सेठी के अनुसार सूरज की तेज धूप और उसमें से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आंखों का बचाव भी बेहद जरूरी है, सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए घर से बाहर निकलते समय धूप का चश्मे जरूर पहनें। सनग्लास जहां धूल के कण को आंखों में जाने से रोकता है, वहीं सूरज की अल्ट्रा किरणों से भी बचाव करता है, तेज धूप से आंखों के बचाव के लिए सिर पर टोपी का इस्तेमाल भी करें। पक्षियों के लिए रखें पानी के कसोरे
समाजसेवी प्रितपाल सिंह लक्की गिल ने कहा कि आए दिन बदल रहे मौसम के कारण जहां तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं इंसानी जीवन के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी यह समस्या बन रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें अपना बचाव करने के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी पीने के लिए पानी में दाने का प्रबंध करना होगा ताकि हम अपने पक्षियों की लुप्त हो रही प्रजाति को बचाने में अपना योगदान दे सकें।