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    पंजाब के तीन गांवों में दो साल से न बारात आई न गई, वजह चौंकाने वाली

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 13 May 2017 08:13 PM (IST)

    पंजाब के मोगा के तीन गांवों में करीब दो साल से न तो बारात आई है और न यहां से कोई बारात गई है। नशा तस्‍करी के लिए बदनाम इन गांवों का अन्‍य गांवों के ल ...और पढ़ें

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    पंजाब के तीन गांवों में दो साल से न बारात आई न गई, वजह चौंकाने वाली

    मोगा, [विनय शौरी]। जिले के तीन गांवों में पिछले दो साल ने तो कोई बारात आई है और न इन गांवों से बाहर कोई बारात गई है। गांव दौलेवाला, माहला और नूरपुर का जिले के अन्य गांवों के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर रखा है।  इन गांवों में लोग अपने बेटे व बेटी की शादी करवाने से मना कर देते हैं। इसका कारण है नशे की तस्करी। ये तीनों गांव नशे की तस्‍करी और नशे की लत लिए बदनाम है। यहां पुलिस के छाप पड़ने आम है।

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    नशे के कारोबार से जुड़े तीन गांवों क्षेत्र के अन्‍य गांवों ने किया सामाजिक बहिष्कार

    क्षेत्र के लोगों द्वारा सामाजिक बहिष्‍कार करने के कारण अब मजबूरी में इन गांवों के लोग गांव में ही अपने बच्चों की शादी करवा रहे हैं। नशे ने इन गांवों की युवा पीढ़ी को भी बर्बाद कर दिया है। अधिकतर लोग खुद भी नशे के आदी हैं, जिस कारण यहां कोई परिवार अपने बच्चों का रिश्ता नहीं करना चाहता।

    एक गांव दाेलेवाला में नशा तस्‍करी को लेकर जांच करती पुलिस।

    मजबूरी में गांव में ही एक-दूसरे परिवार से करवानी पड़ रही बच्चों की शादी

    यही नहीं इन गांवों में रहने वाले सैंसी बिरादरी से मेल खाती राय सिख बिरादरी के लोग किसी कीमत पर नशा तस्करी के धंधे को छोडऩे को तैयार नहीं है।  बच्चों को विरासत में नशा तस्करी का धंधा मिल रहा है।

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    मकान बनाए आलीशान, रह रहे जेल में

    इन तीनों गांवों के लोगों ने नशा तस्करी के धंधे के दम पर मकान आलीशान बनवा रखे हैं लेकिन अधिकतर लोगों को इनमें रहना नसीब नहीं हुआ। गांवों के अधिकतर लोग जेल में सजा काट रहे हैं।

    दौलावाला गांव के हाकम सिंह का कहना है कि अब जब बच्चे शादी के लायक हो गए हैं तो उन्हें मजबूरी में गांव के ही किसी परिवार में शादी करवानी पड़ती है। हालांकि गांव के कुछ लोगों ने नशे तस्करी के धंधे को छोड़कर खेतीबाड़ी को अपनाया है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या नाममात्र है।

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    लग्जरी लाइफ नहीं छोड़ पा रहे

    गांव माहला के 40 वर्षीय जागर सिंह का कहना है कि बाप-दादा के समय से उन्हें लग्जरी लाइफ जीने को मिली है। अब ऐसी लाइफ छोड़कर दिहाड़ी नहीं कर सकते। अगर हम नशा तस्करी बंद कर दें तो अपना गुजारा कैसे करेंगे। सरकार को इसका समाधान करना चाहिए।

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    अब हर रोज रेड का फार्मूला अपनाया : डीएसपी

    डीएसपी सर्वजीत सिंह वाहिया का कहना है कि इन गांवों में अब पुलिस ने रोज छापा मारने का फार्मूला निकाला है। घर में जाकर उनके सदस्यों की संख्या और कारोबार का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। गांव के अधिकतर पुरुष गांव छोड़कर अन्य ठिकानों पर चले गए हैं। गांवों में फिलहाल महिलाएं और बच्चे ही हैं।

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    दौलेवाला गांव

    आबादी : 2380 से अधिक
    नशा तस्करी में संलिप्त : 75 फीसद
    केस : 400 से अधिक
    महिलाओं पर केस : 120
    जेलों में बंद महिलाएं : 60

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    गांव माहला

    आबादी : 3128
    केस दर्ज : 300
    तस्करी में संलिप्त : 60 फीसद

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    गांव नूरपुर हकीमा

    आबादी : 1864
    केस दर्ज : 250
    तस्करी में संलिप्त : 38 फीसद