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राहुल गांधी की रैली में मंच से अपनी ही सरकार को असहज कर गए नवजोत सिंह सिद्धू, जमकर घेरा

मोगा में राहुल गांधी द्वारा शुरू की गई ट्रैक्टर यात्रा के दौरान की गई रैली में नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही पंजाब सरकार को घेरने लगे। इससे कांग्रेस नेता असहज हो गए। राहुल ने कहा कि हिमाचल सरकार जब सेब पर एमएसपी दे सकती है तो पंजाब सरकार क्यों नहीं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 05:45 PM (IST)
राहुल गांधी की रैली में मंच से अपनी ही सरकार को असहज कर गए नवजोत सिंह सिद्धू, जमकर घेरा
मोगा में रैली को संबोधित करते नवजोत सिंह सिद्धू। जागरण

जेएनएन, मोगा। लंबे समय के बाद मंच पर आए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, राहुल गांधी की मौजूदगी में पंजाब के कांग्रेस नेताओं को असहज कर गए। उन्होंने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के साथ-साथ अपनी ही पंजाब सरकार को भी घेरा। सिद्धू ने कहा कि जब हिमाचल की सरकार सेब पर एमएसपी दे सकती है, तो पंजाब सरकार एमएसपी क्यों नहीं दे सकती है।

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सिद्धू ने कहा कि पंजाब दाल और तिलहन को इंपोर्ट करता है। यहां का किसान उसे क्यों नहीं उपजा सकता। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के आभारी हैं। सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को कृषि कानून के खिलाफ विशेष सत्र बुलाकर इसका विरोध करने को कहा है। पंजाब को भी विशेष सत्र बुलाना चाहिए और इसके विरोध में प्रस्ताव पारित करना चाहिए व राष्ट्रपति को भेजना चाहिए। 

मंच से सिद्धू ने सबसे पहले राहुल, फिर जाखड़ और हरीश रावत के बाद कैप्टन का नाम लिया। सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि हमे स्वाबलंबी बनना पड़ेगा। सिद्धू जब बोल रहे थे तो कांग्रेस थोड़ी असहज हो गई। इस पर हरीश रावत अपनी सीट से उठ चुके थे। बाद में सिद्धू ने अपना भाषण खत्म किया, तब रावत अपनी सीट पर बैठे। 

सिद्धू ने कहा कि अगर दूध भट्टी पर चढ़ा हुआ है तो उबाल आना निश्चित है। ऐसे ही अगर किसानों और लोगों में रोष आ जाए, तो सरकारों का उखड़ना निश्चित है। उन्होंने कहा कि किसान आज अपनी एमएससी खोने को लेकर घबराया हुआ है। पंजाब व देश को हरित क्रांति चाहिए थी। हरित क्रांति के बाद पंजाब देश का अन्नदाता बना, लेकिन आज इसी पंजाब के किसान पर मार पड़ रही है। 

सिद्धू ने कहा कि पंजाब ने पूरे देश में अन्न पहुंचाया। आज केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को मारने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून संसद में बिना किसी बहस के पारित किया है। यह फेडरल सिस्टम पर हमला है। मंडियोंं से 5000 करोड़ आता था। इन्होंने नया कानून लाकर इसको नुकसान पहुंचाया है। नए कानूनों से मजदूर बेरोजगार हो जाएगा। यूरोप व अमेरिका में जो सिस्टम फेल हो चुका है, उसे भारत में अपनाया जा रहा है। 

उन्होंने आगे कहा कि इकट्ठे होकर नहीं लड़े तो किसानों को बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कहा कि पूंजीपति वकीलों की फौज लेकर आएंगे और किसानों को बरगलाएंगे। सरकार अगर किसान को कर्ज देती है तो इसे लोन कहती है, लेकिन अगर वही सरकार पूंजीपतियों को लाखों करोड़ों का कर्ज देती है तो उसे इन्सेंटिव कहती है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह अदानी और अंबानी को निवेश के लिए पंजाब में न घुसने दे।

मंत्री पद से इस्तीफे के बाद कब-कब फील्ड में दिखे सिद्धू

  • 8 अगस्त 2019 को अपने विधानसभा हलका पूर्वी में एलईटी स्ट्रीट लाइट व मोहन नगर में नाले की सफाई का शुभारंभ किया।
  • 29 अगस्त 2019 को हलके में पड़ते गंदे नाले की सफाई का काम शुभारंभ करवाया, पर मीडिया से दूर रहे।
  • 9 नवंबर 2019 को श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पाकिस्तान श्री ननकाना साहिब गए।
  • 12 नवंबर 2019 को गुरुपर्व पर अपने हलके के गुरुद्वारा नानकसर साहिब वेरका में करतारपुर कॉरिडोर की शुकराना अरदास की।
  • 31 मार्च 2020 को कोरोना वायरस में जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने के लिए राशन खरीदने निकले।
  • 6 और 9 अप्रैल 2020 को कोरोना काल में डॉक्टरों को पीपीई किट व सैनिटाइजर मुहैया करवाने के लिए वह फील्ड में उतरे जरूर, पर तब भी विवादों ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
  • 22 सितंबर 2020 को कृषि सुधार कानून के खिलाफ भंडारी पुल पर अपने हलके के पार्षदों व वर्करों के साथ प्रदर्शन किया।
  • 28 सितंबर 2020 को गांव मानवाला धूरी संगरूर में किसानों के प्रदर्शन में भाग लिया।
  • 4 अक्टूबर 2020 को राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लिया।

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