प्रकृति की लीला : नीम के पेड़ पर आम व पीपल के पौधे
मोगा कभी-कभी प्रकृति अनूठे खेल खेलती है। ऐसा ही एक नजारा इन दिनों मेन बाजार में पुरानी कचहरी के गेट पर लगे नीम के पेड़ पर देखने को मिल रहा है। नीम के पुराने व विशाल पेड़ की शाखाओं में पीपल व आम के पौधे उग आए हैं।
जागरण संवाददाता, मोगा
कभी-कभी प्रकृति अनूठे खेल खेलती है। ऐसा ही एक नजारा इन दिनों मेन बाजार में पुरानी कचहरी के गेट पर लगे नीम के पेड़ पर देखने को मिल रहा है। नीम के पुराने व विशाल पेड़ की शाखाओं में पीपल व आम के पौधे उग आए हैं। ये दोनों पौधे काफी बड़े होकर पेड़ का आकार लेने लगे हैं। ऐसे में नीम के पेड़ में लगे दो अन्य किस्मों के पौधे यहां से गुजरने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
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त्रिवेणी का अद्भुत नजारा
मेन बाजार में थाना सिटी-1 के निकट पुरानी कचहरी के गेट पर वर्षो पुराना नीम का विशाल पेड़ है। इस पेड़ की छात्रा में सड़क किनारे फड़ी लगाने वाले लोग अपनी दुकानें फुटपाथ पर चलाते हैं। कुछ समय से इस पेड़ ने त्रिवेणी का रूप ले लिया है। नीम के पेड़ के आगे की ओर टहनी के बीच में से पीपल का पौधा लगातार बड़ा आकार लेता जा रहा है, जबकि पिछले हिस्से में आम का पौधा करीब डेढ़ से दो फुट तक लंबा हो चुका है।
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क्या है पेड़ पर पेड़ उगने का आधार
वन रेंज अधिकारी बलजीत सिंह कंग का कहना है कि कहा जाता है कि कौआ पीपल के पेड़ का फल खाने के बाद जहां बीट करता है, वहां बीट के साथ निकलने वाला पीपल के फल से बीज भी गिर जाता है, जिससे पौधा उग आता है। हो सकता है किसी कौआ की बीट से ये पौधा उगा हो। उसी प्रकार जहां तक आम के पौधे का सवाल है तो हो सकता है किसी ने आम खाकर गुठली पेड़ की ओर उछाल दी हो और वह किसी टहनी के बीच फंसी रग गई। उसी गुठली ने बारिश के दिनों में पौधे का रूप ले लिया है।
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प्रकृति प्रेमी कर रहे देखभाल
नीम के पेड़ पर बनी त्रिवेणी का ये नजारा सामने आने के बाद प्रकृति प्रेमी रवि पंडित ने अब नीम पर उग रहे दोनों पौधों की देखभाल शुरू कर दी है, ताकि दोनों पौधे भी पेड़ बनकर त्रिवेणी का अद्भुत नजारा पेश करें।
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