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    धान की बिजाई पर भी गर्मी का असर, मजदूर वर्ग हो रहा है परेशान; रोपाई होना मुश्किल

    Updated: Sat, 14 Jun 2025 06:36 PM (IST)

    मोगा जिले में बढ़ती गर्मी का असर धान की रोपाई पर पड़ रहा है। लेबर की कमी के बाद अब खेतों में पानी गर्म होने से किसान परेशान हैं। वे सुबह-शाम रोपाई कर रहे हैं जिससे काम धीमा हो गया है। कृषि विभाग के अनुसार अभी तक केवल 5% रकबे में ही धान की रोपाई हो पाई है।

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    धान की बिजाई पर भी गर्मी का असर,मजदूर वर्ग हो रहा है परेशान

    राज कुमार राजू, मोगा। जिले में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी के कारण जहां आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं इसका सीधा असर धान की रोपाई पर पड़ा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से बेशक जिले में एक जून से धान की रोपाई की घोषणा की थी मगर पहले लेबर की कमी के चलते किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ी तो अब एकाएक गर्मी बढ़ने से खेतों में पानी के बेहद गर्म होने के चलते धान की रोपाई नहीं हो पा रही है।

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    किसान दिन में घनी गर्मी के चलते खेत में पानी लगाने की बजाए रात के समय पानी लगा रहे हैं व जिले में सुबह सवेरे व शाम को धान की रोपाई की जा रही है।

    किसान मनप्रीत सिंह गिल ने कहा कि दोपहर के समय घनी गर्मी होने के चलते पानी बेहद गर्म हो जाता है जिसके चलते पानी में खड़े होकर धान लगाना बेहद कठिन हो गया है। इसके चलते वह अपने खेतों में सुबह सवेरे व शाम को ही धान की रोपाई कर रहे हैं। सुबह व शाम को रोपाई किए जाने के चलते खेतों में रोपाई करने में काफी समय लग रहा है। अगर गर्मी कम हो तो दिन के समय भी रोपाई की जा सकती है जिससे काम जल्दी पूरा हो सकता है। वहीं जिले में धान के रकबे की बात करें तो कुल 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई होनी है।

    इस संबंध में बात करने पर मुख्य कृषि अधिकारी डा.गुरप्रीत सिंह ने कहा कि बढ़ती गर्मी के चलते धान की रोपाई की रफ्तार में कमी आई है जोकि कुदरती है । इतनी गर्मी में धान की रोपाई करना बेहद मुश्किल है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में अब तक धान के रकबे में से करीब 5 प्रतिशत में धान की रोपाई हुई है।

    जिले में पीआर 114,126,127,131,132की ज्यादा पैदावार होती है। वह किस्में वर्षा के आगामन के बाद ही बीजी जाती है। उन्होंने कहा कि गर्मी का थोड़ा प्रभाव कम होने पर धान की रोपाई में तेजी आएगी । ऐसे में अब तक मात्र 15 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है जोकि कुल रकबे का करीब 5 प्रतिशत ही है। वहीं जिले में मात्र 23 एकड में धान की सीधी बिजाई की गई है ।

    मोगा की बहोना रोड के खेतों में धान की बिजाई कर रहे रामविलास ,विशंभर कुमार ,अजय महतो आदि ने बताया कि उनके लंबे समय से इस गांव के किसानों के साथ धान की बिजाई करने के संबंध में मेलजोल अच्छा ढंग से चला रहा है ,अब उनको एक-एक करके एकड में धान की बिजाई करने के प्रति पांच हजार रूपये की राशि मिल रही है। वही दो वक्त की चाय भी किसान की मुहैया करवाता है।

    उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण धान की बिजाई खेतों में पहले की भांति बहुत कम हो रही है हो सकता है उन्हें इस बार ज्यादा मुनाफा ना हो।

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