गीता भवन में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में भागवत कथा का आरंभ
। गुरु पूर्णिमा महोत्सव के रूप में स्वामी वेदांतानंद जी महाराज एवं स्वामी सहज प्रकाश सरस्वती जी महाराज की तपोस्थली गीता भवन परिसर में गणपति पूजन के साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ बुधवार को हो गया।

जागरण संवाददाता.मोगा
गुरु पूर्णिमा महोत्सव के रूप में स्वामी वेदांतानंद जी महाराज एवं स्वामी सहज प्रकाश सरस्वती जी महाराज की तपोस्थली गीता भवन परिसर में गणपति पूजन के साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ बुधवार को हो गया।
हरिद्वार से पहुंचे संत पथिक साधना धाम के अध्यक्ष भागवताचार्य स्वामी अक्षयानंद जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताते हुए गुरु की महिमा का बखान किया। स्वामी अक्षयानंद जी महाराज ने कहा कि गुरु भगवान से भी बढ़कर होता है, क्योंकि गुरु हमें सही रास्ते पर चलना सिखाते हैं, सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं। जीवन की कई समस्याओं का किस तरह से निवारण हम कर सकते हैं वह सभी तौर तरीके हमें गुरु ही सिखाते हैं। वास्तव में गुरु की महिमा अनंत है। प्राचीन काल से लेकर अब तक गुरु का महत्व समझा जाता है।
पहले दिन नवग्रह पूजन किया
कथा के पहले दिन सुबह के समय नवग्रह पूजन के साथ सभी ग्रहों व देवी देवताओं का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुए पूजन के साथ आह्वान किया गया। हरिद्वार से पहुंची संतों की टोली ने ये पूजन करवाया। ब्रह्मलीन स्वामी वेदांतानंद जी महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश सरस्वती जी महाराज की तपोस्थली रहे गीता भवन परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन पंडित राम शर्मा व हरिद्वार से पहुंचे संतों के मंत्रोच्चारण के बीच सुरिदर गोयल, पवन अग्रवाल ने परिवार सहित गणपति पूजन व कलश पूजन किया। श्रीमद्भागवत की पूजा की गई। ज्योति का पूजन किया गया।
इस मौके पर स्वामी वेदांत प्रकाश सरस्वती जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा ज्ञान का मार्ग है। शास्त्रों में गुरु हमारे अंदर बसे अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश देने वाला कहा गया है। गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार संभव हो पाता है और गुरु की कृपा के अभाव में कुछ भी संभव नहीं हो पाता। गीता भवन ट्रस्ट के महासचिव सुनील गर्ग एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया ट्रस्ट के सरपरस्त स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज एवं महंत स्वामी वेदांत प्रकाश सरस्वती जी के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा 12 जुलाई तक प्रतिदिन दोपहर साढ़े तीन बजे से शाम को साढ़े छह बजे तक होगी। इस मौके पर इच्छा पूर्ण करने वाली नंदी जी महाराज की स्थापना भागवत कथा के अंतिम दिन 13 जुलाई को वैदिक मंत्रों के साथ होगी। नंदी जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा हरिद्वार से पहुंचने वाले विद्वान पंडित, आचार्य करेंगे। इस मौके पर पावन धाम आश्रम के कंट्रोलर अंशुल श्रीकुंज पूर्व अध्यक्ष गंगा सभा हरिद्वार विशेष तौर पर उपस्थित रहेंगे। 13 जुलाई को हवन यज्ञ को पूणार्हुति के बाद भंडारा शुरू किया जाएगा। गीता भवन परिसर में होने जा रहे इस विशेष अनुष्ठान के लिए ट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविद्र सूद, कनिष्ठ उपाध्यक्ष भरत कुमार अग्रवाल, महासचिव एडवोकेट सुनील गर्ग सह सचिव सुरेंद्र गोयल, कोषाध्यक्ष पवन अग्रवाल ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए सभी व्यवस्थाओं के लिए टीमें गठित कर दी हैं। पूरे गीता भवन परिसर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है।
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