काम करने गया था रूस, यूक्रेन युद्ध में भेज दिया; सेना की वर्दी में फोटो भेजी तो परिवार के उड़े होश
मोगा के बूटा सिंह नामक एक युवक जो रूस में काम करने गया था रूसी सेना के एजेंटों के जाल में फंस गया है। एक वीडियो में उसने बताया कि उन्हें झूठे वादों के तहत सेना के कैंपों में बंदी बना लिया गया है जहां उन्हें भुखमरी का बहाना बनाकर रखा गया है और बिना सैन्य प्रशिक्षण के युद्ध में धकेला जा रहा है।

राज कुमार राजू, मोगा। कस्बा धर्मकोट के गांव चक्क कनियां कलां निवासी 25 वर्षीय बूटा सिंह एक वर्ष पूर्व परिवार की गरीब दूर करने के लिए मास्को गया था। वहां काम के सिलसिले में वह और उसके साथी रूसी सेना के एजेंटों के हाथ लग गए। इन सभी को झूठे वादों के तहत सेना के कैंपों में ले जाया गया, जहां उन्हें बंदी बना लिया गया। बूटा सिंह ने एक वीडियो वायरल करके अपने परिवार को अपनी दास्तान सुनाई है।
वीडियो में उसने बताया कि उन्हें भुखमरी का बहाना बनाकर रखा गया है और बिना सैन्य प्रशिक्षण के युद्ध में धकेला जा रहा है। उसके साथ लगभग आधा दर्जन युवक भी भेजे गए हैं। इस वीडियो में युवक की सभी बातें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं, जिससे उसके परिवार का हाल बेहाल हो गया है।
पूर्व विधायक और कांग्रेस कमेटी के प्रधान काका सुखजीत सिंह लोहगढ़, विधायक दविंदरजीत सिंह लाडी, विधायक परगट सिंह आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
दिल्ली के एजेंट से यूट्यूब के जरिए संपर्क, साढ़े तीन लाख लेकर आठ दिन में वीजा लगवाया था बूटा सिंह की मां परमजीत कौर ने बताया कि उसके बेटे का एक वर्ष पहले दिल्ली के एक एजेंट से यूट्यूब के माध्यम से संपर्क हुआ था।
उसने साढ़े तीन लाख रुपये लेकर आठ दिनों में वीजा दिलवाया और रूस भेज दिया। अब एक वर्ष बाद अचानक उसका वीडियो आया है, जिसमें वह और अन्य लोग अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं।
मां ने सरकार से अपील की है कि उसके बेटे की जान की रक्षा करते हुए उसे जल्द से जल्द भारत लाया जाए। बूटा सिंह की बहन करमजीत कौर ने मंगलवार को फोन पर बताया कि उनका भाई अक्टूबर 2024 में एक ट्रैवल एजेंट के माध्यम से रूस गया था।
रूसी सेना में भर्ती कर लिए गए और उन्हें हथियार दिए गए और लड़ने के लिए कहा गया। परिवार को उम्मीद थी, गरीबी दूर हो जाएगी बूटा सिंह के पिता राम सिंह ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।
उन्होंने अपने बेटे को विदेश भेजकर परिवार की स्थिति सुधारने की कोशिश की थी। कुछ दिन पहले बूटा सिंह ने उनसे बात की थी और कुछ पैसे भी घर भेजे थे। उनके दो बेटियां हैं और वह खुद भी बीमार रहते हैं।
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