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    दुर्गा अष्टमी पर सिविल अस्पताल में चार कन्याओं की गूंजी किलकारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 13 Oct 2021 11:18 PM (IST)

    । मोगा के सिविल अस्पताल में बुधवार को दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर कंजक के रूप में चार बेटियों और एक बेटे ने जन्म लिया।

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    दुर्गा अष्टमी पर सिविल अस्पताल में चार कन्याओं की गूंजी किलकारी

    राज कुमार राजू,मोगा

    मोगा के सिविल अस्पताल में बुधवार को दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर कंजक के रूप में चार बेटियों और एक बेटे ने जन्म लिया। पहली कन्या के जन्म होने पर इनके परिवार बेहद खुश नजर आए। कंजक के रूप में बेटी का जन्म होने पर परिवारों ने इसे देवी मां का आशीर्वाद माना।

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    सिविल अस्पताल में तीन परिवारों को पहली संतान के रूप में मां दुर्गा के आशीर्वाद से बेटियां मिलीं। इन परिवारों का कहना था कि आज बेटियां बेटों से किसी भी तरह कम नहीं हैं। उन्हें हर्ष है कि मां दुर्गा ने उनके घर पर कंजक के रूप में जन्म दिया है। पहली संतान बेटी के रूप में होने पर परिवारों ने अस्पताल में मिठाई बांटी । वहीं गांव गुलाब सिंह वाला की हरप्रीत कौर के यहां पहला बेटा पैदा होने पर ताई रमनदीप कौर ने वाहेगुरु का शुकराना अदा किया। मां दुर्गा ने दे दिया आशीर्वाद

    दुर्गा अष्टमी पर पहली बेटी को जन्म देने वाली कर्मजीत कौर ने कहा कि वह बेहद खुश हैं। उसने कंजक के रूप में पहली बेटी को जन्म दिया है। बेटियां परिवारों का दुख-दर्द अच्छे से समझती हैं और वह अपनी बेटी को बेटों की भांति ही पालन-पोषण करेंगे और उच्च शिक्षा मुहैया करवाकर उसे पैरों पर खड़ा होने के काबिल बनाएंगे। बेटी के जन्म से पहले ही उन्होंने अपनी पहली संतान को लेकर कई सपने देखे, जिसे मां दुर्गा ने पूरा कर दिया है। पूरा परिवार कंजक के जन्म को मां दुर्गा का आशीर्वाद मान रहा है। ससुराल परिवार में है खुशी का माहौल

    पहली बेटी को जन्म देने वाली फिरोजपुर की रहने वाली रुपिदर कौर ने दुर्गा अष्टमी के दिन बेटी के जन्म को देवी मां की कृपा माना। उन्होंने कहा कि वह बहुत ही ज्यादा खुश हैं। रूपिदर कौर ने कहा कि यह उसकी पहली संतान है, जिसने दुर्गा अष्टमी के दिन जन्म लेकर देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त किया है। उनके ससुराल परिवार में खुशी का माहौल है। लक्ष्मी के रूप में मिली है बेटी

    रामूवाला हरचोके निवासी सुखविदर कौर की मां निर्मल कौर ने कहा कि उसकी बेटी के घर कन्या के रूप में लक्ष्मी आइग् है। उनका कहना था कि उनके परिवार ने कभी बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझता। उन्होंने जहां बेटी का बेटों की तरह पालन पोषण किया है। वहीं अपनी बेटी के घर पैदा हुई कन्या का भी उसी तरह पालन पोषण किया जाएगा। शायद मैंने अच्छे कर्म किए हैं

    सिविल अस्पताल में दुर्गा अष्टमी के दिन दो बेटियों को जन्म देने वाली झंडेआना की निवासी जसप्रीत कौर ने कहा कि उसके दो बेटियों पहले हैं। इस बार उसे बेटा पैदा होने की आस थी। लेकिन दुर्गा अष्टमी के दिन मां भगवती ने फिर से उसके आंगन में कंजक भेजी है जिसे वह मां भगवती का प्यार मानती है। उसका कहना था कि शायद उसने अच्छे कर्म किए हैं, तभी मां भगवती ने अपना आशीर्वाद कन्या के रूप में उसे दिया।

    गर्भवती महिलाओं को को करती हैं जागरूक

    सिविल अस्पताल की महिला रोग चिकित्सक डा.सिमरत खोसा कहती हैं कि वह अस्पताल में आने वाली हर गर्भवती महिला को हमेशा जागरूक करतीं हैं कि बेटों व बेटियों में कोई फर्क न करें। बेटी की परवरिश में किसी प्रकार का भेदभाव न करें । क्यों कि बेटियां बेटे से कम नहीं होतीं। आज के बदलते हुए युग में बेटियों को बेटों की भांति शिक्षित करने की जरूरत है। बेटियां भी बेटों की तरह समाज में माता-पिता का नाम चमका रही हैं।