पंजाब के मोगा में नशे में धुत होकर चला रहा था स्कूल बस, लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा
मोगा के बिलासपुर में एक शराबी बस ड्राइवर को बच्चों को स्कूल ले जाते हुए पकड़ा गया। ग्रामीणों ने ड्राइवर की हरकतों पर शक ह ने पर उसे रोका और पुलिस को सौंप दिया। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच समझौता कराकर मामले को शांत कर दिया जिसकी आलोचना हो रही है।

जागरण संवाददाता, मोगा। मोगा जिले के गांव बिलासपुर में शराब के नशे में धुत्त बस चालक बच्चों को लेकर स्कूल जा रहा था। उसकी बस चलाने की हरकतों को देखकर ग्रामीणों को संदेह हुआ और जब उसे उतार कर जांच की तो शराब पीए हुए था।
लोगों ने इसका विरोध किया और पुलिस को बुलाकर बस और चालक को सौंप दिया। बस में बैठे कई बच्चे किसी हादसे का शिकार होने से बच गए। इसके बाद लोगों में गुस्सा भड़क गया। उनका कहना था कि मोटी फीस लेने के बाद भी निजी स्कूल अपने कर्मचारियों पर इतना भी नियंत्रण नहीं करते कि वह छोटे-छोटे बच्चों की स्कूल बस को शराबी ड्राइवर के हवाले कर देते हैं । इससे बच्चों का जीवन कभी भी खतरे में पड़ सकता है।
गांव बिलासपुर से एक प्राइवेट स्कूल के लिए बच्चों को ले जा रही बस के चालक को नशे की हालत में पकड़कर लोगों ने बस सहित पुलिस चौकी बिलासपुर के हवाले कर दिया। इसके बाद लोगों ने बस को चौकी में पहुंचाकर पुलिस को सौंप दिया। बच्चों के माता-पिता ने पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में बताया कि हमारे बच्चे बाबा बिधावा सिंह विद्या केंद्र लखा, जिला लुधियाना में पढ़ते हैं।
जिस बस में रोजाना बच्चे स्कूल जाते हैं, उसी बस का चालक गुरप्रीत सिंह, निवासी चकर, जिला लुधियाना, आज शराब के नशे में धुत था। उक्त चालक ने हमारे गांव के सभी बच्चों को बस में बिठाया और रास्ते में जाते समय शराब का नशा इस कदर बढ़ गया कि बस का संतुलन बिगड़ने लगा। इस दौरान गांववासियों ने बस को रोक लिया और चालक को पुलिस के हवाले कर दिया।
बच्चों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि इस संबंध में पहले भी स्कूल प्रिंसिपल को बताया गया था कि बस चालक शराब पीकर लापरवाही से गाड़ी चलाता है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने मांग की कि इस मामले की उच्च स्तर पर जांच करवाई जाए और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
लिखित शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में सतनाम सिंह, गुरप्रीत सिंह, राजविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, बिक्रजीत सिंह, दलवीर सिंह, नछत्तर सिंह, मलकीत सिंह आदि शामिल हैं।
इस संबंध में पुलिस चौकी बिलासपुर इंचार्ज प्रीतम सिंह ने बताया कि शराबी चालक और बस पुलिस की हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्कूल प्रबंधन और माता-पिता के बीच समझौता हो चुका है। समझौते के तहत स्कूल प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि शराबी चालक को हटाकर नया चालक रखा जाएगा। इसी कारण मामला समाप्त कर दिया गया है।
पुलिस ने कैसे मान लिया समझौता
मामला स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों के जीवन से जुड़ा हुआ था। इसके बावजूद पुलिस ने कार्यवाही करने के स्थान पर पूरे मामले को रफा दफा कर दिया। दोनों पक्षों के बीच समझौते का हवाला देकर पुलिस ने मामले की जांच को बंद कर दी। जबकि राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई है । जब स्कूल बसों की चालकों की लापरवाही की वजह से बच्चों की जान पर बन आई अथवा कुछ बच्चों की मृत्यु भी हुई है ।
ऐसी सबसे हृदय विदारक घटना लुधियाना में कुछनमहीने पहले हुई थी। जिसमें स्कूल परिसर के अंदर ही स्कूल बस से कुचलकर एक छात्रा की मौत हो गईथी। इस मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन के अधिकारियों ने भी कोई कार्यवाही नहीं की।
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