किसान आंदोलन से लौटते समय हादसे का शिकार हुई महिलाओं को दी श्रद्धांजलि
गांव की खीवा दयालु वाला की 3 महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए में समारोह आयोजित किया गया।

संसू, भीखी: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से लौटते समय हादसे में मारी गई जिला मानसा के गांव की खीवा दयालु वाला की 3 महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए में समारोह आयोजित किया गया। किसान नेताओं के अलवा राजनीतिक पार्टियों के नेता भी हाजिर हुए।
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार भारत के किसान को खत्म करना चाहती है। वह बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए देश को बेचना चाहती है, जो कभी भी होने नहीं दिया जाएगा। किसान यूनियन एकता उगरहा के जोगिदर सिंह उगरहा, रलदू सिंह मानसा, मेघराज के अलावा गांव की खीवा दायलू वाला के लोगों के अलावा बड़ी गिनती में किसानों ने तीनों किसान महिलाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।
तेल पाइपलाइन के मुआवजे के लिए किसानों ने दी 11 को धरने की चेतावनी संगत मंडी के के गांवों में गुरु गोबिद सिंह रिफाइनरी रामा की तरफ से बिछाई जा रही तेल पाइपलाइन को लेकर किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में हो रहे भेदभाव के खिलाफ किसान संगठन ने संघर्ष करने का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन एकता डकोंडा के प्रदेश अध्यक्ष हरविदर सिंह कोटली ने कहा कि गेल इंडिया कंपनी रामा रिफाइनरी से एक तेल पाइपलाइन बिछा रही है, जोकि संगत ब्लाक के विभिन्न गांवों से होकर गुजर रही है। कंपनी किसानों को धोखा कर रही है। मुआवजे की कीमत अलग-अलग गांवों के लिए भी अलग-अलग तरीके से तय की गई है, जोकि एक न्याय है। इस संबंध में बठिडा जिला प्रशासन के साथ कई बैठकें हो चुके हैं। प्रशासन ने खुद स्वीकार किया है कि कंपनी द्वारा पहले किसानों को किए गए वादे के मुताबिक मुआवजा नहीं दिया गया है। हरविदर सिंह कोटली ने कहा कि बार-बार चेतावनियों के बावजूद प्रशासन और कंपनी द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और अब किसानों की ओर से 11 नवंबर को दोपहर एक से शाम पांच बजे तक रामसरा गांव के पास रिफाइनरी रोड को पूर्ण रूप से जाम किया जाएगा।
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