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    आस्था का प्रतीक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर मानसा

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 22 Sep 2017 03:00 AM (IST)

    संवाद सहयोगी, मानसा : मानसा शहर के बीचो बीच बने प्राचीन मंदिरों में से एक श्री लक्ष्मी नारायण

    आस्था का प्रतीक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर मानसा

    संवाद सहयोगी, मानसा :

    मानसा शहर के बीचो बीच बने प्राचीन मंदिरों में से एक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर है। जोकि आज से करीब 95 साल पुराना है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं की बहुत आस्था है। देवी लक्ष्मी उसे हर प्रकार का सुख देती है। मान्यता है कि इस मंदिर में सेवा भावना के तहत मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है। यही कारण है कि इस मंदिर में हर समय व हर त्योहार पर भारी भीड़ देखी जा सकती है। यह मंदिर गुरुद्वारा चौक में स्थित है तथा शहर के बीचो बीच एवं प्राचीन मंदिरों में से होने कारण यहां सभी प्रकार के आयोजन होते हैं। इस मंदिर में जन्माष्टमी, शिवरात्रि, राम नवमीं तथा नवरात्र में अखंड ज्योति हर वक्त जलती रहती है। अकसर मंदिर में भव्य आयोजन होते हैं। आज यह मंदिर किसी पहचान का मोहताज नहीं है। मंदिर में सबसे पहले पुजारी के तौर पर रुप चंद के दादा राम कृष्ण जी रल्ले वालों ने इस मंदिर के आदि पुजारी जी रुप में शुरुआत की व इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनके पूर्वजों ने आदि काल में उनके पिता देस राज ने पूजा पाठ प्रारंभ की व शिव¨लग की स्थापना की। उन्होंने बताया कि शहर के साथ साथ दूर-दूर से भक्त जनों की आमद रहती है। किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। उन्होंने ने बताया कि करीब 45 साल पहले यहां श्री सनातन धर्म सभा गठित की गई।

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